कोरबा: शहर के सीतामढ़ी से होकर बहने वाली हसदेव बायीं तट नहर का पानी नाले में समाकर ओवरफ्लो होकर ईमलीडुग्गु सहित तीन बस्तियों में घुस गया। जिससे 35 परिवार के मकानों में पानी भर आया। अलसुबह आई आफत की वजह से लोगों को प्रशासन की पहल पर अस्थाई राहत शिविर में शरण दी गई है।
प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि नहर का तटबंध का निचला हिस्सा आज सुबह 5 बजे फूट गया। जिसका पानी नाले में गया ,नाले का बैक वाटर ओवरफ्लो होकर इमलीडुग्गू, बंसोड़ मोहल्ला,भैयालाल मोहल्ला में घुस गया। घरों में 4 से 5 फीट ऊपर पानी भर गया । 35 परिवार इससे प्रभावित हुए हैं। जिस वक्त यह घटना हुई, लोग अपने घरों में चैन की नींद सो रहे थे कि एकाएक पानी भरने से हड़कंप मच गई। घरों में पानी घुसने की वजह से लोग अपना और सामानों का बचाव करने के लिए जद्दोजहद करते रहे। घटना की जानकारी होते ही वार्ड 8 के पार्षद सुफल दास महंत अपने सहयोगियों के साथ पहुंचकर बचाव और राहत कार्य में जुट गए। स्वयंसेवकों के द्वारा भी इस कार्य में मदद की जा रही है। इलाके की बिजली बंद कराने के साथ ही नहर विभाग को सूचना देकर नहर का पानी रुकवाया गया। पानी पूरी तरह नहीं रोके जाने के कारण अभी भी बस्तियों में पानी भरना जारी है। पार्षद ने बताया कि नहर का पानी उसके ऊपर निर्मित पुल के पाया से उछलकर ऊपर की ओर बह रहा है और पानी भिलाई खुर्द की ओर आगे नहीं जा पा रहा है। यह एक तरह से अप्रत्याशित घटनाक्रम है। जिसमें तटबंध फूटने जैसी कोई बात फिलहाल सामने नहीं आई है। फिलहाल पुलिस की टीम मौके पर मौजूद है। अपर कलेक्टर विजेंद्र पाटले घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर डटे हुए हैं। उन्होंने अपनी निगरानी में प्रभावित परिवारों को निगम के अस्थाई राहत कैम्प में शरण दिलाई है। जहां उन्हें भोजन,दवाई व अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई है।
इस मामले में अपर कलेक्टर विजेंद्र पाटले ने बताया कि
तटबंध टूटने की वजह से पानी नाला में समाहित हो गया। नाले का बैक वॉटर ओवरफ्लो होकर बस्तियों में घुसा। 35 परिवार इससे प्रभावित हुए हैं। जिन्हें नगर निगम के अस्थाई कैम्प में शरण दी गई है। स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।