बिलासपुर। आखिरकार ईमलीपारा रोड अब सीधे पुराना बस स्टैंड चौक से मिल सकेगा। निगम की टीम ने बुधवार को सड़क निर्माण में बाधा पैदा कर रहे है 88 में से 86 दुकानों पर बुलडोजर चला दिया है। हालांकि बुधवार की सुबह जैसे ही निगम और पुलिस की संयुक्त टीम कार्रवाई के लिए पहुंची, वैसे ही काबिज दुकानदार इस कार्रवाई का विरोध करने लगे और हंगामा करते हुए टीम को वापस जाने के लिए बाध्य करने लगे। तब अधिकारियों के निर्देश पर निगम व पुलिस की टीम को सख्त रूख अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ा। जिसके बाद दुकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई और एक-एक करके 86 दुकानों को धवस्त कर दिया। वही अब इस कार्रवाई के बाद ईमलीपारा रोड सीधे पुराना बस स्टैंड चौक से मिल सकेगा। इससे इस क्षेत्र का यातायात दबाव कम हो सकेगा, आने वाले दिनों में शहरवासियों के सुगम यातायात व्यवस्था के तहत बड़ी सुविधा मिलेगी।

ईमलीपारा रोड को पुराना बस स्टैंड चौक से जोड़ने में ईमलीपारा रोड के अंतिम छोड़ में बने 88 दुकान रोड़ा बने हुए थे। तकरीबन 12 साल पहले निगम ने इस क्षेत्र में बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए ईमलीपारा रोड का चौड़ीकरण करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन रोड में अवैध रूप से बने 88 दुकानों को तोड़े जाने की बात सामने आई तो दुकानदारों ने उसी समय इसका विरोध कर दिया और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, ऐसे में दुकानों को तोड़ने के मामले में स्टे लगा दिया गया। जबकि नगर निगम ने साफ किया कि यह अवैध दुकान है, इन दुकानों को ताेड़ना जरुरी है, तभी क्षेत्र की यातायात की समस्या खत्म होगी। लेकिन किसी न किसी तरह हर बार इस मामले पर हाईकोर्ट से स्टे मिल जा रहा था, ऐसे में यह मामला 12 सालों से फंसा हुआ था। वही पिछले दिनों इस मामले में हाईकोर्ट ने इन दुकानों को अवैध करार दिया और तोड़ने की अनुमति नगर निगम को दे दी गई। वही जैसे ही यह आदेश आया, वैसे ही निगम के अधिकारी सक्रिय हो गए। निगम आयुक्त अमित कुमार ने तत्काल सभी दुकानदारों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया और दुकानदारों को दुकानदारी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पुराना बस स्टैंड परिसर में अस्थाई रूप से दुकान संचालन की बात कही और बताया गया कि सड़क निर्माण और काम्पलेक्स निर्माण के बाद दुकान एलाट किया जाएगा। साथ ही दुकान से जरुरी सामान हटाने के लिए दो दिन का समय दिया गया। इसी के बुधवार की सुबह नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता और पुलिस टीम कार्रवाई के लिए पहुंची और जेसीबी से दुकानों का धवस्त करने का काम शुरू किया। लेकिन शुरूआत में व्यापारी विरोध पर आ गए, ऐसे में पुलिस बल को सख्ती बरतने के मजबूर होना पड़ा, इसके बाद दुकानदार पीछे हटे और दुकानों को तोड़ने का सिलसिला शुरू किया। मालूम हो कि 88 में से 86 दुकान बुधवार को तोड़ दिया गया।

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