सूरजपुर:सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में 10 साल के बच्चे की अगवा कर हत्या के दो आरोपियों के घरों में बुधवार को प्रशासन ने तोड़ दिया है। दोनों आरोपियों का घर अवैध कब्जा कर बनाया गया था। मृतक 10 वर्षीय रिशु कश्यप के होटल कारोबारी पिता ने आरोपियों का घर तोड़ने से पहले उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। घर तोड़ने के दौरान बड़ी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया है।
जानकारी भी अनुसार होटल कारोबारी अशोक कश्यप का बेटा रिशु कश्यप (10) की 29 जनवरी को उसके पड़ोस के दो युवकों ने अपहरण कर हत्या कर दी थी और पिता को कॉल कर छह लाख रुपए फिरौती मांगी थी। पुलिस ने जांच के दौरान 26 फरवरी को 2 आरोपियों शुभम सोनी (26 वर्ष) और विशाल ताम्रकार (28 वर्ष) को जेल भेज दिया है।
पुलिस ने उनकी निशानदेही पर करसी जंगल से रिशु कश्यप के शव के जली हुई हड्डियां बरामद की थी।घटना के बाद आक्रोशित लोग आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। पूर्व मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह 02 मार्च को परिजनों से मिलने पहुंचे और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की थी। प्रतापपुर तहसीलदार पुष्पेंद्र पात्रे ने एक सप्ताह पूर्व मंगलवार को हनुमान मंदिर के सामने स्थित आरोपियों सहित अन्य कब्जाधारियों को नोटिस दिया था। एसडीएम न्यायालय से बेजा कब्जा हटाने का आदेश जारी कर दिया गया।प्रशासन ने बेजा कब्जा हटाने के लिए बुलडोजर मौके पर भेजा था। जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का फोन आने पर बुलडोजर को वापस भेज दिया गया और बड़ी संख्या में मजदूर लगाकर घरों को तोड़ा गया। पहले आरोपी शिवम सोनी के पिता कमलेश सोनी एवं उसके चाचा के घर को तोड़ा गया। इसके बाद दूसरे आरोपी विशाल ताम्रकर के पिता राजेंद्र ताम्रकर का घर तोड़ा गया।
आपको बता दे कि प्रशासन द्वारा कुल छह घरों का कब्जा हटाने का नोटिस दिया था, जिसमें से दो ने कमिश्नर कार्यालय से स्टे ले लिया है। आज तीन घरों को तोड़ा गया। प्रशासनिक अमले ने नगर पंचायत के सहयोग से दोनों आरोपियों के घरों के सामने बने दुकान एवं मकान को सुबह 11 बजे खाली करना शुरू कर दिया था।मासूम रिशु कश्यप के शव को जला दिए जाने के कारण उसकी कुछ अस्थियां ही पुलिस को मिली थी। रविवार को फारेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजुर की मौजूदगी में डीएनए टेस्ट के लिए रिशु के माता-पिता का ब्लड सैंपल लिया गया था। रिशु के पिता अशोक कश्यप को कुछ अस्थियां सौंपी गईं, ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें।
रिशु कश्यप की हत्या के बाद परिजन उसका विधिवत् अंतिम संस्कार नहीं कर सके हैं। अशोक कश्यप ने कहा था कि जब आरोपियों का घर टूटेगा, तब ही वे रिशु का विधिवत् अंतिम संस्कार करेंगे।