सूरजपुर।डॉ डीके. सोनी अधिवक्ता एवं आईटीआई कार्यकर्ता के द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूरजपुर के न्यायालय में सुनील अग्रवाल पूर्व पार्षद के रूप के विरुद्ध धारा 156(3) दंड प्रकरण संहिता के तहत मय दस्तावेजों के आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि सुनील अग्रवाल जो वर्ष 2013 में नगर पालिका परिषद सूरजपुर के निर्वाचित पार्षद थे। ठेकेदार के रूप में वार्ड क्रमांक 13 बडकापारा रोड से हार्ट बाजार तक सीसी रोड निर्माण का कार्य कराया गया था जिसकी शिकायत कलेक्टर सूरजपुर से की गई थी। जांच में यह पाया गया कि सुनील अग्रवाल के द्वारा निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई है तथा जिस तरह का कार्य कराया था वह नहीं कराया गया एवं बिना कार्य कराए ही 2,27,882 रुपए का भुगतान प्राप्त कर लिया गया है। कलेक्टर सूरजपुर के न्यायालय में प्रकरण शासन प्रति सुनील अग्रवाल चला था जिसमें शासकीय राशि का गबन प्रमाणित पाया गया था। जिसके आधार पर सुनील अग्रवाल को छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41(3) के अंतर्गत नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत का आगामी अवधि अर्थात आदेश दिनांक से 5 वर्षों के लिए पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए अपात्र कर दिया गया।
कलेक्टर के उपरोक्त आदेश से यह प्रमाणित हो गया कि ठेकेदार सुनील अग्रवाल पार्षद के द्वारा लोक सेवक होने के बाद भी वार्ड क्रमांक 13 में निर्मित सीसी सड़क बड़कापारा रोड से हार्ड बाजार तक के सीसी रोड निर्माण कार्य में कुल 2,27,882 रुपए को बिना कार्य कराए फर्जी दस्तावेज तैयार कर एवं फर्जी बिल निकाल कर तथा फर्जी मूल्यांकन कराकर पूर्वी राशि सुनील अग्रवाल द्वारा ले लिया गया। स्पष्ट रूप से अपराधिक कृत्य में आता है तथा फर्जी दस्तावेज तैयार करने, कूट रचना करने तथा शासकीय राशि आहरण करने के संबंध में अपराधिक कृत्य किया गया है। धारा 409, 420, 467, 468 भादवीं के तहत दंडनीय अपराध है जिसके कारण सुनील अग्रवाल के विरुद्ध शासकीय राशि का गबन फर्जी दस्तावेज के आधार पर करने के संबंध में प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था।
सुनील अग्रवाल के द्वारा नगर पालिका परिषद के निर्वाचित पार्षद पद पर होने के बाद भी ठेकेदार का कार्य किया गया तथा फर्जी दस्तावेज तैयार का शासकीय राशि का आहरण किया उक्त शासकीय राशि आहरण करने के संबंध में तथा अन्य निर्माण कार्यों में गुणवत्ता तथा तकनीकी की जांच रिपोर्ट कलेक्टर सूरजपुर के समक्ष 27 सितंबर 2013 को प्रस्तुत किया गया था इसमें यह उल्लेख किया गया है कि सुनील अग्रवाल के द्वारा निर्माण कार्यों में काफी गड़बड़ी की है जिसके लिए सुनील अग्रवाल दोषी है। जांच प्रतिवेदन एवं दस्तावेज से यह प्रमाणित होता है कि सुनील अग्रवाल के द्वारा फर्जी दस्तावेज के माध्यम से शासकीय राशि का गबन किया है। प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु 14 फ़रवरी 2024 को थाना प्रभारी सूरजपुर को आवेदन लिखा गया। जिसमें किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने के कारण 27 मार्च 2024 को पुलिस अधीक्षक सूरजपुर के समक्ष प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसमें किसी भी प्रकार के कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूरजपुर के न्यायालय 156(3) दंड प्रकरण संहिता का आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिस पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सूरजपुर डीएस. बघेल के द्वारा सुनवाई करने के उपरांत एवं प्रस्तुत दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद 3 सितंबर 2024 को आदेश पारित करते हुए सुनील अग्रवाल के विरोध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज का अन्वेषण करते हुए शीघ्र अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया। जिसके आधार पर थाना सूरजपुर के द्वारा धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 भादवीं के तहत सुनील अग्रवाल व नगर पालिका सूरजपुर के अधिकारी वासुदेव चौहान एवं उप यंत्री ओटा फफुल्ला टोप्पों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया।