बलरामपुर के 6 ब्लाक के पंचायतो क़ो मिलता है हर साल 20 करोड़ लेकिन कमीशन में चला जाता है तीन करोड़ से अधिक इसलिए हो रहे घटिया काम, सरपंच संघ के ग्रुप में वायरल हुआ कमीशनखोरी की बात, एसडीएम करेंगे जांच

अंबिकापुर/बलरामपुर। बलरामपुर जिले में ग्राम पंचायतो में विकास कार्य के बजट से जनपद सीईओ 10 प्रतिशत कमीशन सरपंच सचिवों से वसूल रहें हैं। इसकी वजह से निर्माण कार्य की क्वालिटी प्रभावित हो रही है। इसका खुलासा वाड्रफ़नगर ब्लाक के सरपंचो ने सोशल मीडिया की तो सीजीएमपी न्यूज़ ने इसकी हकीकत जानने के लिए पड़ताल की। सामने आया कि बलरामपुर जिले में ग्राम पंचायतो क़ो 15वा वित्त मद में औसत 5-7 लाख और आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत 20-20लाख मिले हैं जिसका 10 प्रतिशत अफसर सरपंचो से ले रहें हैं। इस तरह जिले के 6 ब्लाक में इस साल करीब 20 करोड़ रूपये पंचायतो क़ो दिए गए हैं जिसका करीब दो करोड़ रूपये सीईओ ने कमीशन के रूप में वसूली करना शुरू कर दिया है। वहीं एसडीओ और इंजीनियर सत्यापन व मूल्यांकन के लिए कुल पांच प्रतिशत राशि ले रहें हैं जिससे एक करोड़ उनके कमीशन में चला जा रहा है। पड़ताल के दौरान सामने आया कि इससे सरपंच परेशान हैं लेकिन वे कमीशन नहीं देते हैं तो उन्हें अफसरों के द्वारा परेशान किया जाता है, काम का मूल्यांकन तक इंजीनियर क़ो बोलकर रोक दिया जाता है, या कम का मूल्यांकन किया जाता है। इससे बचने के लिए सरपंच अफसरों क़ो कमीशन दे रहें हैं। वहीं शिकायत होने पर सरपंचो क़ो अफसर दूसरे मामलों में फसा कर बर्खास्त करने की बात करते हैं तो सरपंच भी जांच होने पर अपने बयान बदल लेते हैं।



कमीशन के साथ निर्माण की क्वालिटी भी अच्छा मांगते हैं

वाड्रफ़नगर ब्लाक के ग्राम बेलसर महिपाल उइके ने बताया कि प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत उनके पंचायत में 10 लाख का तीन नाली निर्माण स्वीकृत हुआ, इस पर जनपद सीईओ ने उससे 10 प्रतिशत के हिसाब से 1 लाख रूपये कमीशन के रूप में लिए। इसके बाद काम का मूल्यांकन के लिए इंजीनियर क़ो दो प्रतिशत राशि देना पड़ा तब काम पूरा हों सका। सरपंच का कहना है कि एक तो कमीशन मांगते हैं और निर्माण की क्वालिटी भी बेहतर मांगते हैं। कमीशन नहीं देने पर काम नहीं हो पाता, मैं अकेले ही नहीं दूसरे सभी पंचायत के सरपंचो ने कमीशन दिया है।



महज 50 फीसदी राशि में निर्माण हो रहा

निर्माण कार्यों में कमीशन तब लिए जा रहें हैं ज़ब पंचायत के खाता में रूपये सरकार के द्वारा भेजा गया है, वहीं दूसरी तरफ विधायक मद सहित अन्य योजनाओं के तहत पंचायत में कोई निर्माण कार्य स्वीकृत कराने अफसर व कर्मचारी 20 प्रतिशत कमीशन ले रहें हैं और काम पूरा होने के बाद 10 प्रतिशत मूल्यांकन और निर्माण कार्य की पूरी राशि पाने के लिए खर्च करना पड रहा है। इस तरह 70 फीसदी राशि निर्माण के लिए बचता है इसमें भी निर्माण करने वाला अपने लिए 20 फीसदी राशि बचाता है और महज 50 फीसदी राशि में निर्माण होता है, यही वजह है निर्माण बेहद घटिया होते हैं और सरकारी बिल्डिंग और सड़को सहित अन्य निर्माण की उम्र बेहद कम होती है।



ज़ब नेता नगद मांगने लगे हैं तो अफसर क्या करे

विधायक बृहस्पति सिंह का कहना है कि दस प्रतिशत कमीशन अधिकारी ले लेगा, इंजीनियर ले लेगा, काम करने वाला भी बचाएगा ही, तो क्या काम होगा, अधिकारी दो तीन प्रतिशत ले तो समझ आता है, इतना चलता है। वाड्रफ़नगर क्षेत्र तो प्रेमसाय का क्षेत्र में आ जाता है, नेताओं कुर्सी पंडाल, मीटिंग में आने जाने का खर्च लें चलता है लेकिन नेता ज़ब नगद मांगने लगेंगे तो अधिकारी अपने जेब से तो देगा नहीं फिर लेगा ही। मैं अपने क्षेत्र में ऐसा नहीं होने देता और कोई अधिकारी करता है तो उसे सीखा देता हूं।

मंत्री और सांसद से कर चुके शिकायत

सरपंच संघ के अध्यक्ष देवी सुमन सिंह के पति रामदेव जगते ने कहा कि उन्होंने सभी सरपंच क़ो कमीशन नहीं देने कहा है लेकिन बेलसर और मदनपुर और एक अन्य पंचायत के सरपंच से कमीशन लेने की जानकारी मिली है। कमीशन लेने की शिकायत मंत्री प्रेम साय से भी दो माह पहले कर चुके हैं, लेकिन कमीशन नहीं देने पर मूल्यांकन कम का करते हैं। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना तो केंद्र की है और पैसा सीधे पंचायत के खाता में आया फिर भी कमीशन लेने की शिकायत सांसद रेणुका सिंह से भी कर चुके हैं।

आरोप मनगढ़त, एसडीएम कर रहे जांच

जनपद सीईओ प्रमोद सिंह का कहना है कि आरोप मनगढ़त है, कोई पैसा नहीं लिया। कलेक्टर साहब ने एसडीएम क़ो रिश्वत लेने के इस मामले के जांच के लिए नियुक्त किया है, इस पर कार्यवाही होगी।

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