जांजगीर-चांपा: जांजगीर चांपा व सक्ती जिले के कई गांवों के बीस परिवार को जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में बंधक बनाकर प्रताड़ित करने की शिकायत स्वजन ने कलेक्टर व श्रम पदाधिकारी से की है। पीड़ितों ने वीडियो बनाकर स्वजन को भेजा है इस आधार पर शिकायत की गई है।

शिकायत में बताया गया है कि जांजगीर चांपा व सक्ती जिले के ग्राम तुषार, कोटेतरा, लोहर्सी और अकलतरा क्षेत्र के कुछ गांवों के मजदूर कमाने खाने के लिए किसी मजदूर ठेकेदार के लेबर सरदार के साथ जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले के ईंट भट्ठे में काम करने चले गए वहां उन्हें एक बार दस हजार एक परिवार को एडवांस दिया गया है और साल भर काम करने को कहा जा रहा है। इनमें से एक मजदूर ने अपने स्वजन को फोन कर बंधक बनाए जाने की जानकारी दी और जिला प्रशासन से छुड़ाए जाने के लिए आवेदन देने की बात कही। इस पर स्वजन ने कलेक्टर और श्रम पदाधिकारी से इसकी शिकायत की और बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराए जाने की गुहार लगाई है।

जिले के श्रम पदाधिकारी घनश्याम पाणिग्रही का कहना है कि जम्मूकश्मीर में श्रमिकों को बंधक बनाए जाने की सूचना मिली है वहां के लेबर कमिश्नर और स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर चर्चा की गई है मजदूरों को मुक्त कराने प्रयास किया जा रहा है। ज्ञात हो कि जिले के श्रमिकों को आये दिन जम्मूकश्मीर में बंधक बनाए जाने की खबर आती है। पलायन के मामले भी इस जिले में सर्वाधिक है।

कोरोना काल मे जिले के 1 लाख 23 हजार श्रमिक देश के विभिन्न राज्यों जम्मूकश्मीर ,पंजाब दिल्ली ,उत्तर प्रदेश आंध्रप्रदेश राजस्थान से लौटे थे। कोरोना थमते ही मजदूर फिर दूसरे राज्य पलायन कर गए।

जिले के श्रमिकों को मनरेगा में नियमित काम नहीं मिलता कभी सप्ताह भर तो कभी पखवाड़े भर काम मिंलने के बाद मजदूरी भुगतान भी समय पर नही होता ऐसे में मजदूरों का मनरेगा से भी मोहभंग हो गया है। केवल गर्मी के दिनों में ही मनरेगा में काम चलता है वह भी एक पंचायत में साल में एक से दो काम ही होते हैं ऐसेके रोजगार सृजन भी पर्याप्त नहीं होता। जबकि बाहर में उन्हें नियमित काम और अधिक मजदूरी मिलती है इसके चलते लोग वहां जाना ज्यादा पसंद करते हैं मगर वे भट्ठा मालिकों के शोषण के शिकार हो जाते हैं। अंततः बात प्रशासन तक पहुँचती है।

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