बिलासपुर: सरपंच संघ के आंदोलन में आम आदमी पार्टी कूद गई है। आप के प्रदेशाध्यक्ष ने संघ के पदाधिकारियों से चर्चा कर आंदोलन का समर्थन करने और सीएम हाउस घेराव के निर्णय का जायजा ठहराया है। आप के आगे आने से सियासी सरगर्मी भी तेज हो गई है। आप ने संघ के सभी 13 सूूत्री मांगों का खुलकर समर्थन कर दिया है। 13 सूत्री मांग के संबंध में सरपंच संघ 22 अगस्त से हड़ताल पर है। इसके चलते गांव में विकास कार्य ठप पड़ा हुआ है। 10 अगस्त को सरपंच संघ के पदाधिकारियों व प्रदेशभर से सरपंचों ने राजधानी रायपुर में रैली निकालकर अपनी रणनीति तय कर दी थी।
रैली के बाद मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपे थे। ज्ञापन सौंपे 27 दिन हो रहा है। लंबे समय बाद भी कार्रवाई ना होने से नाराजगी बढ़ने लगी है। संघ के बैनर तले बीते 11 दिनों से प्रदेशव्यापी आंदोलन चल रहा है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में कामकाज भी नहीं हो रहा है। ग्रामीणों की परेशानी भी बढ़ने लगी है। संघ्ा के 13 सूत्रीय मांग में सरपंच का मानदेय 20 हजार,उपसरपंच का 10 हजार व पंचो का पांच हजार स्र्पये निर्धारित करने की मांग की गई है। इसके अलावा मनरेगा में निर्माण सामग्री भुगतान हर महीने करने व योजना राशि दो लाख स्र्पये करने, मनरेगा में मटेरियल के पूर्व 40 प्रतिशत की अग्रिम भुगतान के अलावा सरपंचों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने की मांग की गई है। आप के प्रदेशाध्यक्ष ने सरपंच संघ के आंदोलन को हवा देते हुए सभी मांगों का समर्थन किया है और राज्य सरकार से मांगों को पूरा करने की मांग भी की है।
सरपंच संघ के आंदोलन को आम आदमी पार्टी ने अपना खुलकर समर्थन दे दिया है। आप के आगे आने और इसे राजनीतिक रूप से हवा देने से प्रदेश की राजनीति भी सरगर्म होने लगी है। आप के इस सियासी स्र्ख को ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पैठ बढ़ाने और लोगों के बीच संपर्क साधने के रूप में देखा जा रहा है।