जगदलपुर। स्वयं को मंत्रालय का अधिकारी बताकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर चार लोगों से 11 लाख 39 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने के बाद उस राशि से ब्रेजा कार, महंगे मोबाइल खरीदने और मुर्गी फार्म में निवेश करने का प्रकरण में आरोपित 36 वर्षीय कमल सोनवानी पिता गांधीराम को कोतवाली पुलिस ने बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के डोडगी रिश्दा के डिपरापारा में उसके निवास से पकड़ा है।

पुलिस ने बताया कि आरोपित कमल के विरुद्ध कोतवाली में सेवंती कश्यप, पंकज पांडेय, तेजबहादुर ने शिकायत पंजीबद्ध करवाई थी। इसमें कहा गया था कि आरोपित कमल ने उन सभी से स्वयं को मंत्रालय नवापारा रायपुर का अधिकारी बताकर, स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ, सहायक मार्शल के पद व बस्तर फाइटर में नौकरी लगाने का झांसा देकर 10 लाख 19,000 रुपये फोन पे के माध्यम से लिए।
इसके साथ ही आशा लता कुर्रे को नर्सिंग की नियमित नौकरी की बात कहकर कुल एक लाख हजार रुपये लिए हैं। पैसे मिलने के बाद कमल सोनवानी ने नौकरी नहीं लगवाई और मांगने पर रुपये वापस नहीं किए।इस आधार पर थाना प्रभारी कोतवाली सुरेश जांगड़े के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपित को बिलासपुर से पकड़ कर पूछताछ की गई। उसने नौकरी लगाने के लिये 11,लाख 39,000 रुपये की राशि लेकर नौकरी नहीं लगा पाना स्वीकार किया।पैसों से एक ब्रेजा कार कीमत छह लाख रुपये देकर फायनेंस कराना, एक सैमसंग कंपनी का 1.30 लाख का मोबाइल, एक 35 हजार का वीवो कंपनी का मोबाइल, एक एचपी कपंनी का 45 हजार का लैपटाॅप तथा बाकी के पैसे तीन लाख 29,000 रुपये को मुर्गी फार्म में निवेश कर खर्च करना बताया।

आरोपित से एक कार, दो मोबाइल फोन एवं एक लैपटाॅप को जब्त किया गया है। आरोपित को गिरफ्तार कर, न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। पूर्व में भी आरोपित के विरुद्ध जिला बिलासपुर सिविल लाइन, मस्तुरी एवं जिला शक्ति के कोतवाली थाना में 6 धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।

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