रायपुर। सरकारी कर्मियों की हड़ताल तोड़वाने की कवायद सरकार ने तेज कर दी है। एक दिन पहले सरकार ने हड़तालियों का वेतन काटने की चेतावनी दी थी। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने एक नया आदेश जारी किया है। इसमें काम पर लौटने वालों को सुरक्षा के साथ पूरा वेतन देने का आश्वासन दिया गया है। उधर, कर्मचारी मांगें पूरी होने तक हड़ताल पर डटे रहने की बात कह रहे हैं।

बता दें कि महंगाई भत्ता (डीए) और गृह भाड़ा (एचआरए) की मांग को लेकर प्रदेश के करीब चार लाख कर्मचारी- अधिकारी नौ दिन (22 अगस्त) से हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इस बीच जीएडी ने एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल कई अधिकारी-कर्मचारी काम पर लौटना चाहते हैं। जीएडी ने राज्य के सभी कलेक्टरों और विभाग प्रमुखों को ऐसे कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही एक या दो सितंबर को काम पर लौट आने वालों को पूरा वेतन देने का भी आश्वासन दिया है।

हड़ताल की आगे की रणनीति तय करने कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन की बुधवार को बैठक रखी गई है। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि राजधानी में प्रस्तावित इस बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी। उल्लेखनीय है कि फेडरेशन के आह्वान पर ही यह प्रदेशव्यापी आंदोलन चल रहा है। फेडरेशन में करीब 91 कर्मचारी- अधिकरी संगठन शामिल हैं।

प्रदेश के कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर 34 प्रतिशत डीए और सातवें वेतनमान के अनुसार एचआरए देने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने डीए में छह प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे अब राज्य के कर्मचारियों का डीए 28 प्रतिशत हो गया है, लेकिन कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं है।

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