कोरबा। तेंदू पत्ता तोड़ रही दो महिलाओं की जान उस वक्त सांसत में पड़ गई, जब घने जंगल से अचानक दो भालू प्रकट हुए। उन्होंने एक महिला पर हमला कर दिया तो दूसरी ने डर के मार चिल्लाना शुरू कर दिया। पहली महिला हमले में घायल होकर गड्ढे में जा गिरी और बेहोश हो गई। उसे मरा समझकर एक भालू ने छोड़ दिया तो चीख पुकार से घबराकर दूसरा भी जंगल में भाग निकला। इस तरह दोनों महिलाओं की जान बच गई। किसी तरह घायल अवस्था में एक महिला ने गांव लौटकर लोगों को जानकारी दी। इसके बाद जंगल में बेहोश पड़ी दूसरी महिला को गांव लाया गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शनिवार की यह घटना बालको वन परिक्षेत्र के टापरा गांव के शैगोन जंगल की है। यहां रहने वाली फूल कुंवर (50) और चंद्रमति (55) रिश्ते में मितानिन हैं। सुबह 9 बजे लगभग एक साथ तेंदूपत्ता तोड़ने गांव से लगे जंगल में गए हुए थे। वहीं तेंदूपत्ता तोड़ने के दौरान अचानक से दो भालू सामने से आए और पहले चंद्रमति पट हमला कर दिया। भालू के हमले से चंद्रमति गड्ढे में जा गिरी और बेहोश हो गई। भालू ने मरा हुआ समझकर उसे छोड़कर भाग खड़ा हुआ। वहीं फूल कुंवर पर भी भालू ने हमला किया और वह चीख-पुकार मचाने लगी। 5 मिनट तक दोनों के बीच संघर्ष चला। उसके बाद भालू वहां से भाग गया और तब जाकर उसकी जान बच सकी।
फूल कुंवर ने बताया कि उसके जांघ पर गंभीर चोट आई है,वहीं चंद्रमती हाथ और जांघ पर भालू ने जख्मी किया है। समय रहते अगर अस्पताल नहीं पहुंचते तो उनकी जान जा सकती थी। इस घटना में बुरी तरह घायल फुलकुंवर किसी तरह घर पहुंची और घटना की जानकारी दी। इसके बाद घायल बेहोश पड़ी महिला चंद्रमति को घर लेकर आए।
परिजनों ने इसकी सूचना 112 और वन विभाग को दी, जहां मौके पर पहुंच घायलों को वन कर्मियों के द्वारा जिला मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया गया। बालको वनपरी क्षेत्र के टापरा वित्त प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते हैं घटना स्थल पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी ली। वहीं दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनका बयान दर्ज कर उन्हें वन विभाग से मिलने वाली सहायता राशि 500 रुपए प्रदान की गई।