जांजगीर-चांपा: जांजगीर-चांपा जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हथकरघा विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक हरेकृष्ण चौहान को 50,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई प्रार्थी महेंद्र देवांगन की शिकायत पर की गई, जिन्होंने भ्रष्टाचार का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाई।
जानकारी के अनुसार महेंद्र देवांगन, ग्राम केरा, जिला जांजगीर-चांपा के निवासी हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा विपणन एवं सहकारी संघ रायपुर को अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत का विषय यह था कि उनकी सहकारी समितियां – महामाया समिति मिस्दा, लक्ष्मी कोसा समिति खोखरा, और बजरंग बुनकर समिति खोखरा का कार्य निष्पादन बंद हो चुका था। इन समितियों को पुनः शुरू करने के लिए रायपुर से अनुमति प्राप्त करने के लिए उन्होंने आवेदन दिया था। आवेदन की जांच का जिम्मा सहायक संचालक, हथकरघा विभाग, जांजगीर-चांपा को सौंपा गया था। जांच प्रक्रिया के दौरान, वरिष्ठ निरीक्षक हरेकृष्ण चौहान ने रिपोर्ट रायपुर भेजने के बदले 1,75,000 रुपये रिश्वत की मांग की।
प्रार्थी ने रिश्वत देने से मना करते हुए मामले की सूचना एंटी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर को दी। शिकायत की पुष्टि के बाद ACB ने जाल बिछाया। आज, 3 जनवरी 2025 को, प्रार्थी ने आरोपी को 50,000 रुपये की पहली किश्त दी, जिसे लेते ही हरेकृष्ण चौहान को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
ACB ने रिश्वत की रकम जब्त कर आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी से पूछताछ जारी है और मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।