रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम जनता की सहूलियत के लिए प्रशासनिक इकाईयों के विकेन्द्रीकरण के अपने वायदे को आगे बढ़ाते हुए आज खैरागढ़ छुईखदान गंडई को नया जिला बनाने की घोषणा की। यह नया जिला छत्तीसगढ़ राज्य का 33वां जिला होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा अपनी सरकार की सवा तीन साल के कार्यकाल के दौरान राज्य की जनता को 6 नए जिलों की सौगात दे चुके हैं।

सत्ता की बागडोर संभालने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को जिला बनाया। इसके बाद 15 अगस्त 2021 को राज्य में 4 नए जिलों मोहला-मानपुर-चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़, महेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ती को जिला बनाए जाने की घोषणा की थी। उक्त चारों नए जिलों के गठन की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज 16 अप्रैल को खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के परिणाम की घोषणा के तीन घंटे के बाद ही अपने वायदे के मुताबिक खैरागढ़ की जनता-जनार्दन को नए जिले की सौगात दी। उन्होंने इस मौके पर साल्हेवारा को पूर्ण तहसील तथा जालबांधा को उप तहसील बनाए जाने का ऐलान भी किया।

गौरतलब है कि प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसका उद्देश्य आम आदमी की शासन-प्रशासन तक पहुंच को आसान बनाना है। प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण से लोगों के समय, श्रम एवं धन की बचत होगी।

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के जिला बनने से प्रशासनिक काम-काज में कसावट आएगी और लोगों के शासकीय काम-काज सहजता से होंगे। साल्हेवारा-बकरकट्टा जैसे सुदूर अंचल के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने में आसानी होगी। नए जिले के गठन सेे खैरागढ़ अंचल में विकास की नई श्रृंखला शुरू होगी। जिला मुख्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से निर्माण और सभी जिला स्तरीय कार्यालयों की स्थापना से लोगों को शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ सहजता से मिलने लगेगा। शासकीय काम-काज की मॉनिटरिंग में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री श्भूपेश बघेल ने खैरागढ़ के लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए नये जिले के गठन की घोषणा की है। वास्तव में यह खैरागढ़-छुईखदान-गंडई क्षेत्र की जनता को बहुत बड़ी सौगात है। खैरागढ़ को जिला बनाए जाने की मांग वर्षों पुरानी है। खैरागढ़ छत्तीसगढ़ की रियासतों में एक समृद्ध रियासत रही है। यहां एशिया महाद्वीप का एक मात्र कला संगीत विश्वविद्यालय है। खैरागढ़ की पहचान छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश में संगीत नगरी के रूप में रही है। जिला बन जाने से खैरागढ़ का गौरव और सम्मान बढ़ेगा।

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के नया जिला बनने से इस क्षेत्र की जनता को अब अपने काम-काज के लिए राजनांदगांव नही जाना पड़ेगा। गौरतलब है कि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई की दूरी राजनांदगांव से लगभग 40-90 किलोमीटर है। इस नवीन जिले के साल्हेवारा-बकरकट्टा के अंतिम छोर की गांव की दूरी वर्तमान जिला मुख्यालय राजनांदगांव से लगभग 125 किलोमीटर है। इन इलाकों के लोगों को शासकीय काम-काज से जिला मुख्यालय राजनांदगांव आना-जाना बेहद कठिन, खर्चीला रहा है। नया जिला बनने से लोगों को जिला मुख्यालय आना-जाना आसान होगा। नये जिले के गठन से अंचल में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं और सुदृढ़ होंगी।

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