बालकोनगर: वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) अपने वेदांता स्किल स्कूल के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को स्वावलंबी बनाया है। कंपनी के इस पहल ने 2010 से अबतक छत्तीसगढ़ के 12,000 युवाओं के जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने में सहायक बना। विश्व युवा कौशल दिवस पर बालको ने वेदांता स्किल स्कूल में 100 से अधिक प्रशिक्षुओं के लिए कार्यक्रम का आयोजन कियाजिसमें युवाओं को सशक्त बनाने और उनकी क्षमता को पहचानने में कौशल के महत्व पर जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में व्यक्तिगत विकास और व्यावसायिक विकास दोनों को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। इनका उद्देश्य छात्रों के अपने-अपने ट्रेड में कौशल को बढ़ाना और साथ ही उनके समग्र व्यक्तित्व को बढ़ावा देना था। आयोजन मनोरंजन और उत्साह से भरा रहा जिसमें नृत्य प्रदर्शन, फैशन शो, खाना पकाने की चुनौतियाँ और अन्य आकर्षक गतिविधियों के अलावा इलेक्ट्रिकल मॉडल बनाना शामिल था।सोलर पीवी इंस्टॉलर ट्रेड में प्रशिक्षु कशिश यांगडे ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बोली की मैं आर्थिक रूप से सशक्त तथा परिवार का भरण-पोषण करना चाहती थी। सोलर एनर्जी के साथ काम करना अविश्वसनीय रूप से संतुष्टिदायक है। कंपनियों और सरकारी निकायों द्वारा सोलर स्रोतों पर बढ़ते ध्यान के साथ मुझे इस ट्रेड में कुशल होने पर गर्व है।
फिटर ट्रेड से प्रशिक्षण प्राप्त हिमांशु कुमार साहू एक्वा पंप्स लिमिटेड में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी स्वावलंबी बनने की यात्रा को साझा करते हुए कहा कि वेदांता स्किल स्कूल में 45-दिवसीय प्रशिक्षण जीवन बदलने वाला रहा है। आवासीय सुविधा एक महत्वपूर्ण लाभ था जिसे शिक्षण अनुभव को बेहतर बनाया। प्रशिक्षण ने मुझे नौकरी के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल में निपुण बनाया और मेरे व्यक्तित्व को भी निखारा। हमें औद्योगिक संचालन और प्रभावी संचार को समझने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ।
45 दिवसीय सिलाई मशीन ऑपरेटर कोर्स की प्रशिक्षु तामेश्वरी पटेल ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मुझे हमेशा से सिलाई में रुचि रही है और मैं अपनी गुड़ियों के लिए कपड़े बनाती थी। जब एक मित्र ने मुझे वेदांता स्किल स्कूल के सिलाई कार्यक्रम के बारे में बताया तो मैंने इसमें शामिल होने का फैसला किया। प्रशिक्षण ने मुझे रोजगारपरक कौशल प्रदान किए हैं जो मुझे आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए सशक्त भी बनाते हैं।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने वेदांता स्किल स्कूल पहल के महत्व पर बताया कि वेदांता में सतत आजीविका विकास हमारे सामुदायिक प्रयासों का केंद्र है। छत्तीसगढ़ और भारत के भविष्य को आकार देने के लिए हमारे युवाओं को सही कौशल और शिक्षा से लैस करना आवश्यक है। वेदांता स्किल स्कूल स्थानीय युवाओं को रोजगार योग्य कौशल हासिल करने के लिए मार्ग बनाते हैं जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा और आर्थिक विकास सुनिश्चित होता है। व्यक्तियों को सशक्त बनाकर हम सामुदायिक विकास और सशक्त भारत के बड़े लक्ष्य में योगदान करते हैं।
वेदांता स्किल स्कूल हॉस्पिटैलिटी, वेल्डिंग, सिलाई मशीन ऑपरेटर, सोलर पीवी टेक्निशियन, इलेक्ट्रिकल, फिटर-लेवलिंग अलाइनमेंट बैलेंसिंग और मोबाइल रिपेयर ऑपरेटर सहित कुल सात ट्रेडों में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। 45 से 60 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। स्कूल स्किल के साथ व्यावहारिक ज्ञान संचार, सुरक्षा, कानूनी अधिकार और मासिक धर्म स्वास्थ्य पर सत्रों के साथ समग्र विकास पर जोर देता है। इसमें अनुभवी बालको कर्मचारियों से मार्गदर्शन शामिल है। वित्तीय वर्ष 2024 में 1241 व्यक्तियों को कार्यक्रम से लाभ हुआ जिनमें 72% महिला उम्मीदवार थीं। 100% प्रशिक्षुओं को रोजगार का अवसर प्राप्त मिलता है जो भारत भर के प्रतिष्ठित विभिन्न संस्थानों में कार्यरत है।