बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में करोड़ों रुपए कीमती जमीन हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने वाले फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक ने अपनी मां, बहन और भाई के साथ मिलकर दूसरे की जमीन को हड़पने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर दस्तावेज तैयार कराया था। इस केस में पुलिस ने आरोपी की मां, बहन और भाई को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन, रजिस्ट्री विभाग के जिम्मेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सरकंडा निवासी मनीषा देश पांडे ने अपने पिता की जमीन हड़पने और धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके पिता के नाम पर मोपका में दो एकड़ जमीन है, जिसे हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करा लिया गया है और नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन लगाया गया है। उनकी जमीन को करीब साल भर पहले टिकरापारा निवासी प्रापर्टी डीलर शशांक गुलहरे , प्रशांत गुलहरे , स्वाति गुलहरे सहित उनके परिवार वालों ने अपने नाम करा लिया है। मामला सामने आने पर मनीषा ने जानकारी जुटाई, तब पता चला कि शशांक और उसके भाई सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने मिलकर रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से रिकार्ड में काटछांट कर फर्जी दस्तावेज तैयार किया है।
सरकंडा TI उत्तम साहू ने बताया कि जमीन फर्जीवाड़े के इस केस में गिरफ्तार आरोपी प्रशांत गुलहरे को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उन्होंने बताया कि साक्ष्य जुटाने के लिए उससे दस्तावेज जब्त करना है, जिसके लिए उसे रिमांड पर लिया गया है।
शशांक और उसके भाई ने मनीषा देशपांडे को बताया था कि जमीन को उनके दादा पुरुषोत्तम गुलहरे ने 1962 में बेच दी थी। लेकिन, मनीषा को भरोसा नहीं हुआ, तब उन्होंने तहसील और रजिस्ट्री ऑफिस से दस्तावेज जुटाए। इसके बाद उनके फर्जीवाड़े का राज खुला।
TI उत्तम साहू ने बताया कि केस की जांच में आरोपियों के खिलाफ मिले साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने विक्रय पत्र का परीक्षण कराया, जिसमें गलत दस्तावेज करने की पुष्टि की गई है। केस में पंजीयन ऑफिस के अधिकारी-कर्मचारियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।