कोरबा. जिले के पसान क्षेत्र में बाघ के आने की आशंका से दहशत का माहौल व्याप्त हो गया हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि उसने एक मवेशी को अपना शिकार बनाया है। अब वह आम लोगो पर हमलावर होगा। आशंकाओं से जुड़े यह बयान पसान के लोगो के है जिन्होंने संदिग्ध पैरो के निशान को अपनी आंखों से देखा है। हालांकि यह साफ नही हुआ हैं कि वह निशान किसी बाघ के है या फिर किसी तेंदुए के चहलकदमी के। वनमण्डल कटघोरा के पसान वन परिक्षेत्राधिकारी धर्मेन्द्र चौहान की अगुवाई में पैरो के निशान को सहेजा गया है। अब आगे जांच की जा रही है कि निशान किस वन्यप्राणी के है।
दरअसल पसान रेंज में यह सूचना मिली थी कि पोंड़ी कला गांव के खजरी मोहल्ला में एक बछड़े की मौत हो गई है। बछड़े का मौत स्वाभाविक नही थी बल्कि किसी जंगली प्राणी ने उसे हमला कर मार गिराया था। इसकी सूचना फौरन वन परिक्षेत्र के रेंजर धर्मेन्द्र चौहान को दी गई। खबर पाकर वे भी अमले के साथ मौके पर पहुंचे। यहां की तस्दीक में जो पैरो के निशान पाए गए उसने सभी के होश उड़ा दिए। यह पूरी तरह से बाघ के लिए पैरो के निशान से मिलते-जुलते थे। हालांकि लोगो का मानना यह भी है कि इलाके में तेंदुआ भी घुसपैठ कर चुका है लेकिन उसने अब तक किसी पशु पर हमला नही किया। पसान के लोगो के बीच यह चर्चा भी है कि वन्य क्षेत्र में किसी बाघ ने आमद दे दी है। इतना ही नही बल्कि बछड़े का शिकार भी उसी ने किया है। यह आशंका इसलिए भी पुख्ता है क्योंकि इसी से मिलते-जुलते निशान पिछले महीने पाली के चैतुरगढ़ के जंगलों में नजर आए थे और अब पसान में दिखे हैं।
बहरहाल रेंजर धर्मेन्द्र चौहान की अगुवाई में पैरो के निशान का प्लास्टर ऑफ पेरिस से निशान बरामद कर लिया गया है। इसकी बारीकी से जांच की जाएगी जिसके बाद ही यह पुष्ट हो सकेगा कि निशान किसी तेंदुआ के है या फिर बाघ के। पसान क्षेत्र फिलहाल हाथियों के आतंक से जूझ रहा है। दो दर्जन से ज्यादा हाथी इस इलाके में बेखौफ विचरण कर रहे है। ऐसे में किसी नए वन्यप्राणी के आमद ने पसान इलाके में एक नई दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। बछड़े की मौत पर वनमंडल की पुख्ता रिपोर्ट और फिर नए सिरे से जांच में ही यह साफ हो सकेगा कि क्या वाकई निशान बाघ के है या फिर कोई तेंदुआ गुप-चुप तरीके से मवेशियों को अपना शिकार बना रहा हैं।