रायपुर: प्रदेश के स्कूलों में भर्ती हुए नए व्याख्याताओं के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत सात चरण में प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। सोमवार को इसकी शुरुआत हुई। पहले दिन स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव और परिषद के संचालक राजेश सिंह राणा ने शिक्षकों की उनकी महती भूमिका से अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिए शिक्षकों को प्रयत्नशील रहना जरूरी है। प्रथम चरण का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण 12 सितंबर से 11 नवंबर 2022 तक चलेगा। विद्यालय में गुणवत्ता बनाये रखने के उद्देश्य से प्रशिक्षण की अवधि को कम से कम रखा गया है। प्रत्येक चरण पांच दिवसीय निर्धारित है।

संचालक राजेश सिंह राणा ने बताया कि कार्यक्रम अनुसार उत्कृष्ट शाला की अवधारणा, शिक्षा का अधिकार, आचरण नियम, विषय की प्रकृति, संप्रेषण कौशल, पाठ्यचर्या व पाठ्यपुस्तक में परस्पर संबंध, 21 वीं सदी के कौशल, नई शिक्षा नीति, आकलन, पाठ्य पुस्तक प्रदर्शन, शाला प्रबंधन समिति, पाक्सो एक्ट, तनाव प्रबंधन, बेस्ट प्रैक्टिसेज, शाला अभिलेख का संधारण, नैतिक शिक्षा, राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय योजनाएं जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर जोर दिया जाएगा।

प्रथम बैच में नौ जिलों के 475 व्याख्याता प्रशिक्षार्थियों को आमंत्रित किया गया है। प्रत्येक कक्षा में 50 प्रतिभागियों को चार मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त संचालक डा. योगेश शिवहरे , प्रशिक्षण समन्वयक डा. विद्यावती चंद्राकर और अन्य शिक्षविद मौजूद रहे। प्रशिक्षार्थियों का प्रशिक्षण पूर्व प्री टेस्ट और प्रशिक्षण पश्चात पोस्ट टेस्ट लिया जाएगा ।

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