मोपका चिंगराजपारा में सबसे ज्यादा ठेले,गुमटी चलाने वाले इन्ही क्षेत्रो में रहते है
शहर में बढ़ते ठेले और इन्ही के द्वारा किये जा अपराध समस्या बनता जा रहा है वही पुलिस को राजस्व प्रकरण की जाँच में ज्यादा दिलचस्पी नजर आ रही है ?
इस शहर के अंदाज अजब देखे है यारों
गुंगो से कहा जाता है, बहरों को पुकारो
बिलासपुर: इस समय अपराध का एक ओर नया तरीका ईजाद हुआ है किसी ठेले वाले से ज्यादा बात की या अपने घर , दुकान से आगे बढ़ाने को कहा आपके ऊपर चाकू या धार दार हथियार से हमला हो सकता है और हो भी रहा है।
बिलासपुर शहर में अन्य राज्यो से आकर व्यापार करने वालो कि संख्या एकाएक बढ़ सी गई है पूरे शहर में जहाँ देखो ठेले ही ठेले दिखाई देंगे ,बाजार हो चौक चौराहा हो या कालोनी हो आपको चारो तरफ ठेले नजर आयेंगे लेकिन ये कहा से आये पुलिस के पास कोई रिकार्ड नही है, इनका पुराना रिकार्ड क्या है कहि अपराधी तो नही या कोई गुनाह करके तो नही आया है ये सब तहकीकात की जिम्मेदारी पुलिस की होती है और ये सब ठेले वाले किसी भी शहर के उस क्षेत्र में ज्यादा रहते है जहाँ पहले से ही इसी प्रकार के लोग रहते है हमारे शहर में भी मोपका,चिंगराजपारा एवं ओर भी बहुत सी जगह है जहाँ पहले से ठेले गुमटी चलाने वाले लोग रहते है और इन्ही जगहों में ठेले भी आसानी से किराए में मिल जाते है लेकिन अपराध के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए इनकी जानकारी पुलिस को रखना बहुत ही जरूरी होता है लेकिन इस क्षेत्र के थाना प्रभारियों के पास ऐसी कोई भी जानकारी उपलब्ध नही है कि कौन व्यक्ति किस उद्देश्य से शहर में आया है?
बिलासपुर शहर हमेशा से शांत शहर रहा है यहाँ कौमी एकता की मिसाल दी जाती रही है रात्रि के समय मे भी आप आराम से अपने कार्य या घर जा सकते थे लेकिन अभी विगत कुछ वर्षी से एकाएक बढ़ते अपराध से शहर का माहौल खराब हो रहा है और अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे है पुलिस को इस पर लगाम लगाने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है और थानों में ऐसे थाना प्रभारी नियुक्त करें जो इन सब पर रोक लगा सके न कि अपने स्वार्थ या अन्य कार्यो में ज्यादा व्यस्त रहें।