जगदलपुर: माओवाद के खिलाफ लंबी रणनीतिक लड़ाई का लाभ अब मिलता दिख रहा है।सुरक्षा बल की क्षमता में विस्तार होने के साथ ही जवान युध्द कौशल में पारंगत भी हुए हैं। नक्सलियों के आधार इलाके में सुरक्षा कैंपों की स्थापना और राजनैतिक इच्छाशक्ति की वजह से नक्सलियों के विरुध्द आक्रामक अभियान चलाए जा रहे हैं।

2024 में बस्तर में जितनी बार सीधी लड़ाई हुई, नक्सलियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। इस साल अब तक 86 नक्सली ढेर किए जा चुके हैं, जिनमें कुछ बड़े नाम भी शामिल हैं। यदि इस तरह के ऑपरेशन जारी रहे और 2-4 बड़ी सफलताएं मिलीं तो नक्सल संगठन में भगदड़ संभव है।जान की अमान पाने सरेंडर की संख्या बढ़ना तय माना जा रहा है।

डबल इंजन की सरकार के आते ही प्रदेश में चल रही नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई ने बाजी पलट कर रख दी है। लगातार चलाए जा रहे आक्रामक अभियानों की वजह से नक्सली बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। पूरे 2 दशक के बाद बस्तर में परिस्थितियां बदली हुई दिखाई दे रही हैं। जबकि इस बार सुरक्षा बल सीधे नक्सलियों की मांद में घुसकर प्रहार कर रहे हैं।

1 हजार 179 नक्सली अब तक हुई मुठभेड़ों में मारे गए हैं। इसी तरह 1 हजार 285 जवानों ने भी शहादत दी है। माओवादियों व्दारा अब तक 1 हजार 721 आमह लोगों को मौत के घाट उतारा है। इसके ठीक उलट यदि इस वर्ष की बात करें तो अब तक 86 नक्सली ढेर किए जा चुके हैं और केवल 19 आम लोगों के अलावा सुरक्षा बल के 9 जवानों ने बलिदान दिया है।

इस साल की बड़ी घटनाएं –

1) 12 जनवरी -बीजापुर में एक लाख की इनामी नक्सली कमांडर तोया पोटाम को मार गिराया।
2) 16 जनवरी -दंतेवाड़ा में 5 लाख के इनामी नक्सली डिप्टी कमांडर रतन कश्यप को ढेर किया।
3) 20 जनवरी -बीजापुर में 2 महिला और एक पुरुष नक्सली को फोर्स ने मार गिरायाा।4) 7 फरवरी -दंतेवाड़ा में 8 लाख रुपए के इनामी डीवीएस चंद्रन्ना को मुठभेड़ में मार गिराने में सफलता मिली।
5) 3 मार्च -कांकेर के छोटे बेठिया में 10 लाख रुपए के इनामी परतापुर एलजीएस कमांडर नागेश को ढेर कर दिया।
6) 26 मार्च -बीजापुर में 5 लाख रुपए के इनामी पीएलजीए डिप्टी कमांडर नागेश पुनेम सहित 6 नक्सली ढेर किए गए।
7) 2 अप्रैल -बीजापुर के कोरचोली में हुई मुठभेड़ में 13 माओवादी मार गिराए गए। थोक में हथियार और गोला-बारुद बरामद।
8) 16 अप्रैल -कांकेर के छोटे बेठिया में हुई मुठभेड़ में 29 नक्सली लड़ाकों को फोर्स के जवानों ने आमने-सामने की लड़ाई में मार गिराया। डीवीसीएम शंकर राव भी इनमें से एक था।

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