दंतेवाड़ा: नववर्ष के पहले दिन जिले में संचालित “लोन वर्राटू” अभियान की सफलता एक बार फिर देखने को मिली। माओवादियों के आंतरिक मतभेद, जंगलों की कठिन जिंदगी और प्रशासन की प्रभावी नीति के चलते गंगालूर एरिया कमेटी के प्लाटून नंबर 12 में ए सेक्शन डिप्टी कमांडर हुर्रा सोड़ी ने आत्मसमर्पण किया।
3 लाख के इनामी माओवादी हुर्रा सोड़ी ने दिनांक 01 जनवरी 2025 को डीआरजी कार्यालय, दंतेवाड़ा में उच्च पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इस कार्य में सीआरपीएफ की 111वीं वाहिनी की आसूचना शाखा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित माओवादी को 25,000 रुपये की सहायता राशि के साथ कई अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। इसमें 10,000 रुपये की मासिक आर्थिक सहायता, तीन साल तक निःशुल्क आवास व भोजन, कौशल विकास प्रशिक्षण, और कृषि भूमि जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे “लोन वर्राटू” अभियान ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था में भरोसा जता रहे हैं। एसडीओपी राहुल उईके ने बताया कि हुर्रा सोड़ी ने आत्मसमर्पण के बाद समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन नक्सलवाद से प्रभावित युवाओं को वापस मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।