कोरबा: संतान नहीं होने पर मारपीट कर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडित किए जाने पर पत्नी ने मिट्टी तेल डाल कर आग लगा थी। मृत्यु होेने पर पुलिस ने पति को गिरफ्तार न्यायालय में प्रस्तुत किया था। सुनवाई उपरांत प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कटघोरा पीठासीन अधिकारी वेन्सेस्लास टोप्पो ने दोषी पाए जाने पर पति को दस वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा नही करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

कुसमुंडा थाना अंतर्गत बरपाली मोहल्ला गेवरा बस्ती निवासी संतोष कुमार रात्रे व धनकुमारी रात्रे पति- पत्नी के रूप में निवासरत थे। संतान नही होने के कारण संतोष रोजाना अपनी पत्नी के साथ लड़ाई- झगड़ा व मारपीट कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित करता था। इस पर धनकुमारी रात्रे ने आठ जून 2021 को सुबह 7:30 बजे अपने ऊपर मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली। परिणामस्वरूप उपचार के दौरान उसी दिन दोपहर एक बजे धनकुमारी की मृत्यु हो गई। इस पर मृतका के पिता गिरधारीलाल ने कुसमुंडा थाना में सूचना दी थी। पुलिस ने संतोष के विरुद्ध धारा 306 का मामला पंजीबद्ध किया था। शासकीय अतिरिक्त लोक अभियोजक अशोक कुमार आनंद ने बताया कि मृतिका की शादी घटना के लगभग दो वर्ष पहले संतोष रात्रे से हुई थी।

शादी के बाद संतोष आए दिन मृतिका को परेशान करते हुए कहता था कि तुम्हारी कोई संतान नही हो रहा है, इसलिए मेरे घर से निकल जाओ। साथ ही मारपीट करता था। मृतिका का कहना था कि जब मेरी संतान नही हो रही है, तो तुम दूसरी शादी कर लो और मुझे तुम्हारे ही साथ रहने दो। मृतका ने अपने पिता गिरधारी लाल को भी जानकारी दी, तब गिरधारी ने आरोपित को समझाया। उसके बाद भी आरोपी के व्यवहार में कोई परिवर्तन नही हुआ। परिणामस्वरूप धनकुमारी ने आग लगाकर जान दे दी। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान यह पाया कि मृतका की शादी आरोपित के साथ घटना से दो वर्ष पहले हुई थी और तीन माह तक संबंध ठीक रहा। उसके बाद आरोपी रोजाना धनकुमारी के साथ मारपीट करने लगा। छह माह बाद संतोष, पत्नी को घर से निकल जाने के साथ ही कहता था कि हमारे साथ जिन लोगों की शादी हुई है, सभी लोगों का बच्चा हो गया है तुम्हारा बच्चा क्यों नही हो रहा है। मृतका पिता ने समझाइश भी दी, पर प्रताड़ना बंद नहीं हुई।

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