दुर्ग: दुर्ग के राइस मिलर व्यापारी से फर्जी ईडी के अफसर बनकर दो करोड़ रुपए कैश की ठगी करने का मामला पेचीदा होता जा रहा है। एक तरफ जहां दुर्ग पुलिस ने गैंग के 7 आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने लगभग 85 लाख रुपए कैश रिकवर कर लिया है। दो लोगों की तलाश जारी है।

दूसरी तरफ घटनास्थल का जो सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ है उसमें दो स्थानीय लोग संदिग्ध दिख रहे हैं। पुलिस का कहना है वो लोग प्रार्थी हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर वो प्रार्थी हैं, तो घटनास्थल में क्या कर रहे थे और आरोपियों के साथ ही क्यों भागे?

दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के भिलाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का अफसर बनकर ठगी करने वाले सात आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपियों को मुंबई से छत्तीसगढ़ ट्रांजिट रिमांड में लाया जा रहा है। उनके पास से लगभग 85 लाख रुपये बरामद हुए हैं। ये पूरी मुंबई की ही गैंग है। इन लोगों ने इससे पहले भी गुजरात, बैंगलोर जैसी जगहों में ऐसे मामलों को अंजाम दे चुके हैं। दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि पुलिस के सामने आरोपियों को पकड़ने का बड़ा चैलेंज था।

इसके लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई थीं। दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर के मार्गदर्शन में टीमें महाराष्ट्र पहुंची। वहां आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करके टीम मुंबई पहुंची। वहां से सभी सात आरोपियों को पकड़ा गया। पूछताछ में एक आरोपी ने बताया कि, कारोबारी से घटना के कुछ दिन पहले मिलकर उसे विश्वास में लिया और एक बिजनेस में निवेश कर ज्यादा पैसे कमाने का लालच दिया गया। इसके बाद जैसे ही उसने कन्फर्म किया कि उसने 2 करोड़ रुपए कैश का इंतजाम कर लिया है और ऑफिस बुलाया। उन लोगों ने ईडी ऑफिसर बनकर उसके यहां रेड मार दी।

दुर्ग के पारख कॉम्प्लेक्स में चावल कारोबारी विनीत गुप्ता के ऑफिस में मंगलवार 27 जून की दोपहर काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी से छह लोग पहुंचे थे। उन्होंने अंदर घुसते ही ऑफिस का दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद कारोबारी को टैक्स चोरी डर दिखाकर ऑफिस की तलाशी ली और लॉकर में रखे दो करोड़ रुपयों से भरे बैग लेकर कारोबीरी को साथ लेकर उसी गाड़ी से भागे थे। पुलिस ने जब गाड़ी के नंबर से पता किया तो वो फर्जी निकला। पुलिस ने 7 आरोपियों के साथ ही उस गाड़ी को भी जब्त कर लिया है।

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