कोरबा। हसदेव ताप विद्युत गृह (एचटीपीपी) परिसर में प्रस्तावित 1320 मेगावाट क्षमता की नई ताप विद्युत संयंत्र की आधारशिला 29 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रखेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य अलग बनने के बाद यह पहले सबसे बड़े बिजली संयंत्र की स्थापना होने जा रही। इसके पहले 500 मेगावाट की आधारशिला पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने रखी थी और 500 मेगावाट कोरबा पश्चिम व 1000 मेगावाट के मड़वा संयंत्र की शुरूआत डा रमन सिंह के कार्यकाल में हुई।
नवीन संयंत्र का निर्माण भारतीय पद्धति से की जाएगी। इसके लिए निविदा प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। जानकारों का कहना है कि संयंत्र निर्माण में प्रति मेगावाट लगभग 9.50 करोड़ रूपये लागत आएगी। इस आधार पर 13 हजार करोड़ की अनुमानित लागत का आंकलन किया गया है। पर्यावरणीय अनुमति की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। 660-660 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित की जाएगी। संयंत्र का निर्माण करीब 200 एकड़ जमीन में किया जाएगा। इतनी ही जमीन परिसर में और उपलब्ध है। इसी स्थल पर नया सुपरक्रिटिकल संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
प्रबंधन ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले वर्ष नए संयंत्र स्थापना की घोषणा की थी, पर विभिन्न कागजी कार्रवाई पूर्ण करने की वजह से अब इस संयंत्र की आधारशिला रखी जा रही है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सितंबर- अक्टूबर 2023 या वर्ष 2024 में निर्माण कार्य शुरू होने व वर्ष 2030-31 तक संयंत्र से बिजली आपूर्ति की संभावना जताई जा रही। राज्य का यह एकमात्र ऐसा स्थल है जहां प्रति यूनिट महज 3.35 रूपये खर्च पर बिजली तैयार हो सकेगी। आमतौर पर नए संयंत्र स्थापना से पांच से छह रूपये प्रति यूनिट लागत आती है। यहां बताना होगा कि राज्य में अभी अधिकतम मांग 5300 मेगावाट तक दर्ज की गई है। आने वाले पांच साल में राज्य में बिजली की मांग करीब नौ हजार सात सौ मेगावाट पहुंच जाएगी।
विद्युत उत्पादन कंपनी की वर्तमान में बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 2980 मेगावाट है। इसमें डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र 500 मेगावाट, एचटीपीपी 1340 मेगावाट, मड़वा संयंत्र 1000 मेगावाट क्षमता के हैं। शेष जल विद्युत संयंत्र है। वर्ष 2029-30 तक एचटीपीपी में स्थापित 120-120 मेगावाट की चार इकाईयां बंद हो जाएंगी। इस तरह उत्पादन क्षमता घट कर 2140 मेगावाट हो जाएगी। वर्ष 2030-31 तक 660-660 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयों के परिचालन पर आने पर कंपनी की उत्पादन क्षमता 3480 मेगावाट हो जाएगी।
मेडिकल कालेज का होगा शिलान्यास
मुख्यमंत्री बघेल अपने कोरबा प्रवास के दौरान मेडिकल कालेज भवन का भी शिलान्यास करेंगे। प्रशासन स्तर पर इसकी तैयारी की जा रही है। भवन का शिलान्यास सभास्थल पर होगा या झगरहा आइटी कालेज के सामने प्रस्तावित बांसबाड़ी क्षेत्र में किया जाएगा। यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि आज यानि गुरूवार को कलेक्टर बैठक कर कार्ययोजना को अंतिम रूप देंगे।