जगदलपुर: पिछले बुधवार को स्कूल से घर जाने के दौरान एक 11वीं कक्षा की छात्रा की अचानक बेहोश होकर जमीन में गिर पड़ी थी। दोस्तों ने बिना सोचे समझे छात्रा को पानी पिला दिया, जिसके बाद छात्रा की हालत खराब हो गई। जिसके बाद उसे बेहतर उपचार के लिए मेकाज में भर्ती किया गया। जहां 7 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद छात्रा को डॉक्टरों ने नया जीवनदान दिया है। जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर के साथ ही पूरी टीम को धन्यवाद देते हुए घर चले गए।
मामले की जानकारी देते हुए सर्जरी विभाग के एचओडी डॉक्टर कमलेश ध्रुव ने बताया कि परपा थाना क्षेत्र के काला कदमपारा में रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिक जो कि पास के ही एक स्कूल में 11 की छात्रा है, 22 नवम्बर को स्कूल में वापस आने के दौरान अचानक से बिहोश होकर गिर पड़ी, छात्रा के गिरते ही उसकी नाक, कान से खून निकलना शुरू हो गया था। जिसके बाद अन्य छात्राओं ने जहां स्कूल के शिक्षकों को जानकारी दी।वही अन्य साथियों ने बिना सोचे समझे छात्रा को पानी पिला दिया, शिक्षकों ने छात्रा के परिजनों को सूचना देने के साथ ही पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, हालत गंभीर होने के कारण उसे 22 की शाम को ही बेहतर उपचार के लिए मेकाज भिजवाया गया। छात्रा के गंभीर हालत की जानकारी लगते ही मेकाज अधीक्षक डॉ अनुरूप साहू, एचओडी सर्जरी डॉक्टर कमलेश ध्रुव, डॉक्टर ज्योति गुप्ता, जेआर डॉक्टर गिरधर दास, डॉक्टर रूबी, डॉक्टर सुदीप, डॉक्टर प्रेरणा, डॉक्टर प्रांजलि, स्टाफ नर्स वार्ड पहुंचे।
जहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि बेहोश हुई छात्रा को सांस लेने में दिक्कत होने के साथ ही उसकी छाती में पानी भर गया था, डॉक्टरों की टीम के साथ ही स्टाफ नर्स ने छाती में भरे पानी को निकालने के लिए उसे वेंटीलेटर पर रखा था। साथ ही उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। बच्ची के फेफड़े ठीक से काम नहीं कर रहे थे। (रेसूपाईरेटरी इन्सफिसिएन्सी ) साथ ही फेफड़े में पानी और रक्तस्राव भी हुआ था। इसीलिए डॉक्टरों की टीम ने यथाशीघ्र छात्रा को वेंटीलेटर पर रखा।
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के द्वारा मेकाज के निरीक्षण के दौरान एसआईसीयू में भर्ती छात्रा के परिजनों से मिलने के साथ ही छात्रा का हालचाल भी जाना। वहीं डॉक्टरों के द्वारा उसके उपचार के बारे में भी जानकारी ली गई,लगातार सात दिनों तक चले उपचार के बाद मंगलवार को छात्रा के ठीक होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।