कोरबा। कटघोरा वन मंडल में लोनर हाथी की संख्या अब एक से बढ़कर तीन हो गई है। केंदई में चार लोगों की जान ले चुके एक मात्र हाथी को अब तक दल से नहीं मिलाया जा सका है। अब पसान और जटगा में दो और लोनर के दल से अलग होकर विचरण करने से वन कर्मियाें की चिंता और अधिक बढ़ गई है।
इन दिनों कटघाेरा के तीन वन परिक्षेत्रों में लोनर हाथियों के साथ 57 हाथियों का दल छह अलग-अगल स्थानों में विचरण कर रहा है। हाथियों पर निगरानी करने थर्मल ड्रोन कैमरा खरीदने की योजना वन विभाग ने बनाई, इसके लिए निविदा भी जारी किया गया। इस बीच विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू कर दिया गया इस वजह से निविदा निरस्त करना पड़ा। सामान्य ड्रोन कैमरे से रात के समय दल पर निगरानी मुश्किल हो गया है। हाथियों ने 350 किसानों के 14 लाख के फसल को माह भर के भीतर नुकसान पहुंचाया है। लोनर की संख्या बढ़ने से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणाें में भय का वातावरण देखा जा रहा है।
बताना होगा कि जंगल में हाथियों की बढ़ती संख्या से साथ प्रभावित क्षेत्र के दल में भी वृद्धि होने लगी है। धान फसल के चलते दल जंगल को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों की ओर विचरण करने लगे है। दर असल बढ़ती संख्या के कारण एक ही स्थान में चारा जल्द ही समाप्त हो जाता है। यही वजह है कि भोजन और पानी की तालाश में हाथी तेजी से जगह बदलने लगे हैं। धान की बालियां हाथियों के इन दिनों मुख्य चारा बना हुआ है। धान की फसल को हाथी के चट करने से अधिक रौंदने से नुकसान होता। माह भर पहले चार लोगों की जान जाने के बाद अब भी ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है।
विभाग के पास सामान्य कैमरा है जिससे हाथियों पर दिन के समय ही निगरानी की जा रही है। रात के समय गतिविधियों की जानकारी ले पाना मुश्किल है। ड्रोन कैमरा नहीं होने की वजह रात के समय गतिविधियों की निगरानी नहीं हो पा रही। विभागीय अधिकारियों की माने तो थर्मल ड्रोन कैमरे की खरीदी आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही संभव होगी। ऐसे में फसल की पर्याप्त सुरक्षा हो पाना मुश्किल है।
*अंधेरा होते ही रतजगा करने की मजबूरी*
प्रभावित क्षेत्र के लोग भय के साए में जीवन बसर कर रहे हैं। उन्हे इस बात का डर है कि न जाने हाथी कब गांव में आ जाए और उन्हें घर छोड़कर भागना पड़े। अब तक हो चुकी मौत की घटना की वजह से दिन में खेत नहीं जा पाते तो अंधेरा होते ही रतजगा भी करने को मजबूर रहते हैं। कटघोरा वन मंडल में चार साल से हाथियों से समस्या बढ़ गई है। पहले हाथी घूम कर चले जाते थे। ग्रामीणों का कहना है कि खासकर जब पास के जंगल में हाथियों ने डेरा डाल रखा हो, तो वे रात में सो नहीं पाते। दिन में फसल की रखवाली भी नहीं कर पाते। कई बार रात को हाथियों की अचानक आमद के डर की वजह से परिवार समेत मंदिर के ऊपर जाकर अपनी जान बचाते हैं। इस क्षेत्र में मातिन, खड़पड़ीपारा, पोड़ी खुर्द समेत अन्य गांवों में इन दिनों लोग फसल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
*धान की सुगंध के चलते पहुंच रहे गांव के नजदीक*
खेतों में धान की बालियां आने लगी है। जिसकी गंध पाकर झुंड ग्रामीण चारा की तालाश में जंगल के निकट गांव में पहुंचने लगे हैं। वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की समझाइस दी जा रही है। उधर हाथी भी लोगाें की भीड़, मशाल, टार्च आदि की रौशनी देखकर खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अलग-अलग दल में बंटे हाथियों की तुलना में लोनर अधिक खरतनाक साबित हो रहा है। संख्या के मुकाबले वन विभाग में अमले की कमी ने भी ग्रामीणाें के लिए समस्या खड़ी कर दी हैं। अल्प संसाधन के चलते ग्रामीणों को हाथियों के आने की पूर्व सूचना नहीं मिल रही, इससे जनधन की हानि हो रही।
*जन जागरूकता के लिए गजराज यात्रा का सहारा*
हाथी मानव द्वंद्व पर अंकुश लगाने के लिए गजराज यात्रा अभियान पखवाड़े भर से कटघोरा वन मंडल के प्रभावित क्षेत्रों में शुरू किया गया है। वन मंडलाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि इसके लिए विभागीय कर्मचारियों को पहले से ही प्रशिक्षित किया जा चुका है। खास बात यह है कि यह अभियान वर्ष के पूरे 365 दिन चलेगा। अभियान को स्कूल के अलावा बजारों में संचालित किया जा रहा है। हाथी प्रभावित क्षेत्र से लगे स्कूलों के बच्चों को हाथी की गतिविधि, पसंदीदा चारा व उसके जीवन शैली के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही उन परिस्थितियों के बारे में बताया जा रहा है जिससे हाथी लोगाें के लिए जानलेवा साबित होते हैं।
0 वन मंडल कटघोरा के वन मंडलाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि कटघोरा वन मंडल में लोनर हाथियों की संख्या एक से बढ़कर तीन हो गई। गजराज यात्रा के माध्यम से लोगों को लगातार हाथी के गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही उन्हे बताया जा रहा कि हाथी के दल से दूर रहें। सामान्य ड्रोन कैमरे से अभी निगरानी की जा रही। आचार संहिता समाप्त होने के बाद थर्मल ड्रोन कैमरे के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी।