कोरबा। ग्राम चारपारा के भू-विस्थापितों के द्वारा एनटीपीसी के आश्वासन से हताश होकर 16 सितम्बर को राजस्व मंत्री के पास पहुंचे। राजस्व मंत्री ने उनके आवेदन पर लिखित में एनटीपीसी मुख्य महाप्रबंधक को नौकरी मुआवजा के लिए आदेश किया। आईटीआई तानसेन चौक में धरना दे रहे भू-विस्थापितों को राजस्व मंत्री ने समर्थन दिया। एसडीएम कटघोरा, कोरबा को अविलंब नौकरी मुआवजा के लिए आदेशित किया। भू-विस्थापितों द्वारा क्रमिक रूप 22 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 93 दिनों तक निराकरण नहीं होने पर नौ भू-विस्थापित राजन कुमार पटेल, गणेश कुमार केंवट, घसियाराम केंवट, सुरज कुमार केंवट, रामायण प्रसाद केंवट, मथुरा राम केंवट, दयालिक विश्वकर्मा, शुभम् केंवट,कैलाश पटेल दिन दयाल भारिया के द्वारा 24 जुलाई को एनटीपीसी के गेट पर सांकेतिक प्रदर्शन किया गया। जिसमें दर्री तहसीलदार के द्वारा आश्वासन दिया गया था। उनका कहना है कि उन्हें गुमराह किया गया है। इस आश्वासन पर भी गुमराह करने से अपने जीवन-यापन व भरण-पोषण के लिए अधिग्रहीत भूमि को जिसका मुआवजा नहीं हुआ है। उस भूमि को पुनः काबिज करने के लिए 5 अगस्त को आंदोलन किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि इस पर भी दर्री तहसीलदार के द्वारा आश्वासन दिया गया। जिसमें दर्री तहसीलदार के द्वारा कहा गया कि कलेक्टर स्तर पर बैठक कराकर आप लोगों की नौकरी, मुआवजा की मांग को पूरा करेंगे, जो कि मौखिक रूप से बोला गया। जिसमें 19 अगस्त को अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा के समक्ष में बैठक कराई गई।जिस पर भी मौखिक रूप से आश्वासन दिया गया और 11 व 19 सितंबर को आश्वासन दिया गया था ग्रामीणों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण सन् 1978-79 व 1980-86 तक किया था, जिसमें जमीन अधिग्रहण के एवज में एनटीपीसी के द्वारा आम सूचना दिनांक 04/09/1979, 22/01/1981 में जारी किया गया था। उनके पूर्वजों के अनपढ़ होने का निश्चित तौर से भू-विस्थापितों का शोषण किया गया। ग्राम चारपारा व कपाटमुड़ा के पीड़ित भू-विस्थापित अपने अधिकार से एनटीपीसी के गुलामी की जीवन जी रहे हैं। भू-विस्थापितों को जिला प्रशासन व छ.ग.शासन स्वतंत्र कब करायेगा। जब तक हमारी नौकरी की मांग पूरी नहीं होती है तब तक उग्र आंदोलन जारी रहेगी।