रायपुर: एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरूचि पैदा करने और वैज्ञानिक ज्ञान और अनुभव का विस्तार करने के लिए बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों से विद्यालय स्तर पर 11 दिसम्बर, जिला स्तर पर 13 दिसम्बर, संभाग स्तर पर 15 दिसम्बर और राज्य स्तर पर 22 दिसम्बर को बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी की थीम ’ साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटी’ है। उप थीम के विषय हेल्थ, लाइफ स्टाइल फार इनवायरमेंट, एग्रीकल्चर, कम्यूनिकेशन एंड ट्रांसपोर्ट, कम्प्यूटेशनल थिंकिंग रखा गया है। प्रत्येक उप कथानक से तीन मॉडल का चयन कर राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में भेजा जाएगा। इसके लिए संभाग स्तर पर चयन कर राज्य स्तर पर बस्तर संभाग के 08 विद्यालयों से अधिकतम 15, सरगुजा और बिलासपुर संभाग के 5-5 विद्यालयों से 15-15 मॉडल का चयन किया जाएगा। इसी प्रकार प्रत्येक थीम से 2 मॉडल का चयन रायपुर संभाग के 04 विद्यालयों से 10 और दुर्ग संभाग के 3 विद्यालयों से 10 मॉडल चयनित किए जाएगें।


बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के चयन के लिए विद्यार्थियों की सहभागिता, रचनात्मकता एवं कल्पना के लिए 20 प्रतिशत अंक, मॉडल में मौलिकता, वैज्ञानिक व गणितीय नवाचार के लिए 15 प्रतिशत अंक, वैज्ञानिक विचार, सिद्धांत एवं दृष्टिकोण हेतु 15 प्रतिशत अंक, तकनीक कौशल, कारीगरी एवं शिल्पकौशल के लिए 15 प्रतिशत अंक, समाज के उपयोगिता के लिए 15 प्रतिशत अंक, आर्थिक (कम लागत), पोर्टेबिलिटी के लिए 10 प्रतिशत अंक और मॉडल के प्रदर्शन एवं प्रस्तुतिकरण पर 10 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण एंव पिछडे़ क्षेत्र के विद्यार्थी के लिए 5 प्रतिशत अतिरिक्त तथा अर्द्धशहरी क्षेत्रों के लिए 3 प्रतिशत अंक अतिरिक्त दिया जाएगा।

बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के संबंध में राज्य स्तर पर 21 दिसम्बर को सेमीनार आयोजित होगा, जिसमें विषय विशेषज्ञ भाग लेगें। इसमें मिलेट के संबंध में जागरूकता हेतु प्रश्न मंच, विशेषज्ञों से चर्चा, मिलेट के लाभ, मिलेट के क्षेत्र में नवाचार या दृष्टांत कार्यो का प्रस्तुतिकरण, भारत एवं विश्व में मिलेट का इतिहास पर चर्चा होगी। प्रदर्शनी के दो भाग – मॉडल एवं पोस्टर प्रदर्शन हैं।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थी जनजातीय क्षेत्रों से आते है और वे अपने समाज व कार्यक्षेत्र में विभिन्न प्रकार के ग्रामीण स्तर पर असुविधाओं को देखते और समझते होंगे। उनमें उत्सुकता होती होगी की वे ग्रामीण क्षेत्र में जन जीवन के कार्यो को किसी तकनीक के माध्यम से हल कर उनके कार्यो को सुगम बनाया जा सकता है। ऐसे कई प्रकार के प्रश्न और उनका समाधान विद्यार्थियों के मन में होता है जिसे वे कहीं प्रदर्शित नही कर पाते है। बाल विज्ञान प्रदर्शनी के आयोजन के द्वारा विद्यार्थी ऐसे जनजीवन के तकलीफों का आसान बनाने के लिए उनके मन में कोई विचार या मॉडल है तो उसे प्रदर्शित कर सकते है और इसके माध्यम से वे राष्ट्रीय स्तर पर अपने मौलिक तकनीक ज्ञान के माध्यम से स्थान बना सकते है।

आयुक्त एवं पदेन सचिव छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण, आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति श्रीमती शम्मी आबिदी ने राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के आयोजन के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए है। प्रदर्शनी का आयोजन एनसीईआरटी-एनईएसटीएस के निर्देशों के अनुसार किया जाए, जिससे बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के उद्देश्यों और उसकी भावनाओं के अनुरूप विद्यार्थियों से मॉडल बनवाया जा सकें। बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के मूल्यांकन हेतु विद्यालय, जिला एवं संभाग स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है।

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