रायपुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसानों को धान बोनस दिए जाने गारंटी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के किसानों को दो साल के धान की बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का वितरण 25 दिसंबर को किया जाएगा। इसको लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसम्बर सुशासन दिवस के अवसर पर धान बोनस वितरण का मुख्य समारोह मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में दोपहर 01 बजे से रायपुर जिले के अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम बेन्द्री में आयोजित होगा।
कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं श्री विजय शर्मा करेंगे। कार्यक्रम में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, पूर्व मंत्री एवं रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत, विधायक अभनपुर इन्द्र कुमार साहू, रायपुर ग्रामीण के विधायक मोती लाल साहू, आरंग विधायक खुसवंत साहेब, रायपुर उत्तर के विधायक पुरन्दर मिश्रा, विधायक धरसींवा अनुज शर्मा एवं जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा विशिष्ट अतिथि होंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य के किसानों से किए गये वायदे के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ के मान से क्रय करने का आदेश जारी हो चुका है। धान उपार्जन केन्द्रों एवं सोसायटियों द्वारा नवीन निर्धारित मात्रा के अनुरूप धान खरीदी के लिए किसानों को टोकन जारी करना शुरू कर दिया है। राज्य में इस साल 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के एवज में राज्य के किसानों को लगभग 40 हजार करोड़ रूपये का भुगतान होगा।
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी को लागू करके किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मान से 21 क्विंटल धान की खरीदी शुरू हो गई है। किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए सभी खरीदी केन्द्रों में बेहतर और पर्याप्त इंतजाम किए गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मना रहे हैं। 25 दिसम्बर को राज्य के किसान भाईयों को 2 साल के धान की बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ 38 लाख 96 हजार रूपए का भुगतान करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे किसान जो पूर्व निर्धारित मात्रा के अनुसार सोसायटियों में अपना धान बेच चुके हैं, उन्हें नवीन निर्धारित मात्रा के अंतर का धान विक्रय करने की सुविधा भी दी गई है।