रायगढ़: कस्टम मिलिंग के नाम से रवाना होने वाला ट्रक एफसीआई के गोदाम ना जाकर स्थानीय राइस मिलर के पास भेजा जा रहा था इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने वाहन को रोक कर पूछताछ की ड्राइवर के द्वारा संतोषजनक उत्तर न देने एवं कागजात प्रस्तुत न कर पाने पर पुलिस ने ट्रक को जप्त कर अपनी अभिरक्षा में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय राइस मिलर जे.पी. अग्रवाल द्वारा एक ट्रक चावल वाहन क्रमांक CG10AQ4203 जिसमें 290 क्विंटल चावल लोड था उसे लोड करवा कर कटघोरा में स्थित एक अन्य राइस मिलर के पास भेजा जा रहा था जबकि यह चावल कस्टम मिलिंग हेतु एफसीआई गोदाम भेजा जाना था संदेह के आधार पर जब पुलिस ने वाहन चालक से कागज की मांग की तो उसने मातेश्वरी राइस मिल कटघोरा के नाम का चालान पुलिस को दिखाया ड्राइवर के बयान से स्पष्ट है कि यह चावल एफसीआई गोदाम ना जाकर मातेश्वरी राइस मिल भेजा जा रहा था और जेपी अग्रवाल द्वारा अवैध रूप से चावल विक्रय कर मातेश्वरी राइस मिल को दे दिया गया मौके पर पहुंचे जिला सहायक खाद्य अधिकारी नटवर सिंह राठौर ने बताया कि प्रथम दृष्टव्या यह मामला चावल की अफरा तफरी का प्रतीत हो रहा है पुलिस ने वाहन को जप्त कर अपनी अभिरक्षा में लिया है पूछताछ के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी गौरतलब है कि इन दिनों राइस मिलरो द्वारा चावल के उठाव के बाद उसके अफ़रा तफरी एवं अवैध विक्रय किए जाने की शिकायतें चर्चा में बनी रहती है।

इस मामले में जब जिला सहायक खाद्य अधिकारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि शिकायत के बाद वाहन को रोक कर ड्राइवर से पूछताछ की गई थी मे जेपी अग्रवाल द्वारा दो ट्रक चावल कस्टम मिलिंग हेतु एफसीआई गोदाम हेतु रवाना किया गया था जिसमें एक ट्रक में कागजात पूरे सही पाए गए किंतु दूसरे ट्रक में वाहन चालक कोई कागज प्रस्तुत नहीं कर पाया यदि उसके पास मातेश्वरी राइस मिल के नाम से चालान काटा हुआ पाया गया
इस विषय में जब जिला कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि उक्त संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है जांच के अनुसार कार्यवाही की जाएगी चावल की अपना तफरी करने वाले बक्शे नहीं जाएंगे।

तहसीलदार का रुख रहा नकारात्मक
घटना की जानकारी मिलने पर जब हमारे संवाददाता ने तहसीलदार सोनू अग्रवाल को जानकारी देकर कार्यवाही हेतु दूरभाष पर चर्चा करनी चाही तो उन्होंने कहा कि यह पुलिस का काम है वह देख लेंगे कहकर फोन रख दिया गया जबकि अपराध घटित होने की स्थिति में हर अधिकारी का प्रथम दायित्व मौके पर पहुंचकर कार्यवाही करने का होता है किंतु अधिकारी के इस उदासीन रवैया से यह साफ है कि कहीं ना कहीं इस मामले में वह भी अपराधियों को संरक्षण देने में लगे हुए है।

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