बिलासपुर: सरकारी स्कूलों में काम करने वाले अंशकालीन कर्मचारियों से सिर्फ दो घंटे ही काम करवाने लोक शिक्षक संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। कर्मचारी स्कूल खोलने व बंद करने और शौचालयों की सफाई करने के अलावा कोई काम नहीं करेंगे। इसके अलावा बैंक खाते से वेतन का भुगतान किया जाएगा।
स्कूल के अंशकालीन कर्मचारी संघ लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे। पूरे समय काम करवाने का आरोप लगाया। इसके कारण नियमितिकरण और कलेक्टर दर पर वेतनमान की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। लोक शिक्षक संचालक ने कर्मचारियों के हित में आदेश जारी किया है। अब कोई भी स्कूल के प्राचार्य अंशकालीन कर्मचारियों से दो घंटे से ज्यादा काम नहीं करवा सकेंगे। इसी कड़ी में जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक ने सभी प्राचार्यों को नियम का पालन करने आदेश दिया।
अंशकालीन कर्मचारी संघ बार-बार शिकायत कर रहे थे कि स्कूलों में पदस्थ कर्मचारियों के काम करने का समय सिर्फ दो घंटे निर्धारित किया गया है। इन दो घंटों में कर्मचारियों से नियमानुसार स्कूल खोलने, बंद करने और इस बीच स्कूल के कमरों, शौचालयों की सफाई करने और पेयजल की व्यवस्था करनी है। लेकिन स्कूल के प्राचार्य और प्रधान पाठक स्कूल खोलने से लेकर बंद होने तक पूरा समय रोकते थे। साथ ही स्कूल के अलग-अलग काम भी करवाते थे।
अंशकालीन कर्मचारियों को कई महीनों तक वेतन का भुगतान नहीं किया जाता था। साथ ही स्कूल और संकुल समेत शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी एकमुश्त वेतन देने में भी आनाकानी करते थे। अब सभी अंशकालीन कर्मचारियों को वेतन का भुगतान उनके बैंक खातों में हर महीने निर्धारित तिथि पर किया जाएगा। नकद भुगतान करने की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।
लोक शिक्षण संचालक ने जारी आदेश में कहा है कि संघ की ओर से बताया गया है कि अंशकालीन कर्मचारियों को पदस्थ किए जाने के बाद प्राचार्यों और प्रधान पाठकों की इच्छा के अनुसार काम नहीं करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जा रहा है। नियमानुसार यह गलत है। लोक शिक्षण संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को बिना कारण किसी भी कर्मचारी को काम से नहीं हटाने के आदेश दिए हैं।