बिलासपुर: अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं के द्वारा 14 अगस्त को एसईसीएल मुख्यालय गेट के सामने किए गए प्रदर्शन से 65 खदानों के समुचित संचालन पर नकारात्मक असर पड़ा है। इससे खदानों के कई प्रकार के काम प्रभावित हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने एसईसीएल के अधिकारी-कर्मचारियों को कार्यालय में घुसने नहीं दिया। इसके कारण मुख्यालय का कामकाज पूरी तरह ठप रहा। इसके परिणाम स्वरूप कोयले के उत्पादन, डिस्पैच काफी हद तक प्रभावित हुआ है।

कंपनी मुख्यालय से एसईसीएल की खदानों के समुचित संचालन के लिए समन्वय एवं निर्देशन प्रदान किया जाता है। अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं के उग्र प्रदर्शन के कारण अधिकारी- कर्मचारी का मनोबल भी टूटा है। 13 अगस्त की रात अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं के नेता ऋषि पटेल आंदोलन के लिए बिलासपुर पहुंच चुके थे। युवा छात्रों से फार्म-बी भरवाया गया। साथ ही सहयोग राशि भी ली गई है। ऋषि पटेल ने स्वीकार भी किया है कि यह उन्होंने अपनी मर्जी से किया है, ऐसा करने के लिए उन्हें एसईसीएल ने नहीं कहा है।

एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पिछले लगभग ढाई महीने में पांच बार पूर्व आइटीआई अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं से बात की गई है। इसके अंतर्गत बीते पांच अगस्त को सीएमडी एसईसीएल डा. प्रेम सागर मिश्रा ने स्वयं प्रतिनिधि दल से बात की थी। वहीं, आइटीआइ प्रशिक्षुओं को नियमित करने संबंधी मांग से जुड़े प्रकरण की सुनवाई डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) रायपुर में चल रही है। ऐसे में सुनवाई लंबित रहते हुए धरना-प्रदर्शन किया जाना अवैधानिक है।

हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान कोयला मंत्री भारत सरकार माननीय प्रल्हाद जोशी ने स्पष्ट कर दिया था कि ट्रेड अप्रेंटिस का नियमितीकरण नहीं किया जा सकता है। अप्रेंटिस एक्ट 1961(यथा संशोधित 2014) में अप्रेंटिस प्राप्त प्रशिक्षुओं को नियमित करने का कोई प्रविधान नहीं है। पूरे देश में सार्वजनिक उपक्रम इस प्रकार के अप्रेंटिस के प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हैं और इस संबंध में भारत सरकार के नियम स्पष्ट हैं। एसईसीएल में अप्रेंटिस कर चुके छात्रों के यथा लागू सभी देयताओं का भुगतान कर दिया गया है। सीएमडी एसईसीएल से बैठक के पूर्व, अप्रेंटिस छात्र संघ, निदेशक तकनीकी संचालन-सह-कार्मिक के साथ कई दौर की बातचीत कर चुके हैं। नगर विधायक बिलासपुर भी एक बैठक में उपस्थित रहे हैं।

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