कोरबा। कोरबा नगर के समीप ग्राम डिडोलभांठा पड़रीपानी के पास सीएसईबी-पश्चिम में बनाए गये राखड बांध से हवा के साथ राखड उडकर ग्रामीण के घरों तक पहुंचने पर विवाह मे बनाए गये खादय भोजन राखड युक्त हो जाने का आरोप लगाया गया हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा ही की भोजन खाने योग्य न रहने पर भोजन को फेंकना पडा। जिससे लड़की के विवाह हो रहे घर के परिवार वालो को काफी हानि हुई। तद्पश्चात उचित क्षतिपूर्ति राशि देने की मांग को लेकर ग्रामीण महिला राखड बांध पहुंच कर आंदोलन मे बैठ गए। ग्रामीण जनों का आरोप लगाते हुए कहना है राखड बांध बनाए जाने के बाद उड रहे राखड के रोकथाम को लेकर सीएसईबी प्रबंधन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते है।
बताया जा रहा हैं की हल्की सी हवा चलने पर राखड ग्रामों के घरों मे घुसने लगते है। जिससे घरों मे रखे सामान कपडा, कुर्सी, टेबल पर राखड के परत जमे होने से सामाग्री गंदा हो रहे है। खादय भोजन मे राखड गिरने से वह खाने लायक नहीं रहता हैं।
जानकारी के अनुसार रामेश्वर सिंह की पुत्री का वैवाहिक कार्यक्रम चल रहा था। जहां मेहमानों के लिए खादय भोजन बनाए गये थे। जिसमें राखड पडने से सारे भोजन को फेंका गया। जिससे रामेश्वर सिंह को काफी नुकसान हुआ। जिसकी भरपाई के लिए ग्राम के महिला व पुरुष राखड बांध मे सीएसईबी प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन किये जाने पर प्रबंधन द्वारा दो हजार क्षतिपूर्ति राशि दी जा रही थी। जिसे लेने से इंकार करते हुए 3 हजार रूपये प्रति राशनकार्ड एवं साबुन, गुड व राखड बांध मे पानी छिडकाव किये जाने की मांग उपस्थित सीएसईबी प्रबंधन श्री ध्रुव, चंद्रा साहू, विक्की सूर्यवंशम के समक्ष राखी गयी।
इस दौरान नरेंद्र दास बुधवार सिंह, सुनील, शिवपाल सिंह, प्यारे विश्वकर्मा, रामनारायण, रामेश्वर सिंह, रामदयाल, दुर्गेश गौटिया, केशर सिंह, हेमराज कंवर, अरविंद सिंह, धनुज कंवर, इंजोरा बाई मंहत, भगवती कंवर, बंसती कंवर, शयामबाई विश्वकर्मा, पुनीता कंवर, गौतम बाई कंवर, जयमंत्री कंवर, सुनीति कंवर, गीता मंहत, सीता मंहत, शांति कंवर, फूलकुवंर कंवर, चंद्रिका कंवर, गोंदा बाई कंवर सहित अन्य उपस्थित रहे।