रायपुर :प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग में किसी भी कर्मचारियों को किसी भी पद पर बिठाने का चलन है लेकिन अब कुछ मामलों में हाई कोर्ट की दखल के बाद इस पर रोक लगता हुआ नजर आ रहा है ऐसे ही एक मामले में हाई कोर्ट की दखल के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने ही बनाए नियमों की व्याख्या करते हुए यह स्पष्ट किया है कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर केवल सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी और 5 साल का अनुभव रखने वाले प्राचार्य का अधिकार है और इसी के तहत जिला बलौदा बाजार भाटापारा में व्याख्याता की विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर हुई नियुक्ति को निरस्त किया गया है । इस आदेश के साथ यह भी स्पष्ट हो गया है कि अन्य जिलों में जो व्याख्याता विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनकर बैठे हैं उन्हें भी विभाग को हटाना होगा और अब उन पर भी खतरे की तलवार लटक रही है ।हाईकोर्ट के आदेश की व्याख्या करते हुए शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि ब्लाक एजुकेशन आफिसर (बीईओ) के पद के लिए व्याख्याता योग्यता नहीं रखते हैं। व्याख्याता राधेलाल जायसवाल को बीईओ के अपात्र घोषित कर दिया गया था, जबकि ABEO रामाकांत देवांगन को बीईओ के लिए पात्र माना गया था। मामले को एबीईओ राजेंद्र टंडन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी, जिस पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2022 के फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने अब इसे लेकर स्पष्टता जारी की है। विभाग ने कहा है कि भर्ती नियम के मुताबिक BEO के 25 फीसदी पद को ABEO की पदोन्नति से भरा जायेगा, जबकि बाकी के 75 फीसदी पदों को अन्य सेवाओं के व्यक्तियों के स्थामांतरण और प्रतिनियुक्ति से भरा जायेगा। अगर पात्र अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं, तो 5 साल का अनुभव रखने वाले प्रार्य को भी नियुक्त किया जा सकता है।
राजेंद्र कुमार जोशी का मूल पद व्याख्याता का था, लिहाजा स्पष्ट है कि वो बीईओ पद के योग्य नहीं है। ऐसे में राजेद्र कुमार जोशी एबीईओ बलौदाबाजार के पद पर उनकी पदस्थापना को निरस्त कर दिया गया है। वहीं राजेंद्र टंडन को पूर्व की भांति एबीईओ के पद पर बलौदाबाजार में पदस्थ किया गया है।