बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का चुनाव नहीं होने को लेकर सराफा व्यवसायियों में जबरदस्त घमासान मचा हुआ हैl 7 जनवरी को होने वाला चुनाव अब तक नहीं होने से बिलासपुर सराफा एसोसिएशन में आक्रोश है। 11 मई को चुनाव संबंधित एक पत्र जारी होने के बाद आक्रोश और ज्यादा भड़क गया है। चुनाव नहीं कराए जाने और हीलाहवाला किए जाने से बिलासपुर के सराफा व्यवसाई अब खुलेआम पूर्व पदाधिकारियों के विरोध में उतर आए है

बुधवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पहुंचकर बिलासपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी,सचिव अजय सराफ,कोषाध्यक्ष राजेश शाह, कार्यवाहक अध्यक्ष सुशील सोनी,संरक्षक अनिल गुप्ता,उपाध्यक्ष जितेंद्र सोनी, श्रीकांत पांडेय और कार्यकारिणी सदस्य शशांक स्वर्णकार ने पत्रकारों से संयुक्त रूप से चर्चा करते हुए बताया कि चुनाव को लेकर मंगलवार को बिलासपुर सराफा एसोसिएशन की आपात बैठक हुई है जिसके बाद छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के कार्यवाहक पदाधिकारियों को पत्र लिखकर अविलंब चुनाव कराए जाने की मांग की गई है।उन्होंने बताया कि  छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के कार्यकारिणी की अंतिम बैठक 23 जुलाई 2023 को हुई थी। उसमें जल्द चुनाव कराए जाने का निर्णय लिया गया था क्योंकि कार्यकाल 2022 में खत्म हो गया था। कार्यकारणी की बैठक में चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया। कई जिला संगठन के विरोध के बाद में 7 जनवरी 2024 को आम सभा हुई जिसमें सभी सदस्य चुनाव की पूरी तैयारी के साथ पहुंचे थे, लेकिन चुनाव नहीं कराया गया। उसी दिन यह तय किया गया कि पांच संभाग से पाच चुनाव अधिकारी होंगे और उसके बाद जल्द चुनाव कराया जाएगा इसके बाद जारी मतदाता लिस्ट में से कई सदस्यों और संगठन के पदाधिकारियों के नाम काट दिए गए। सराफा एसोसिएशन के सदस्य कमल सोनी ने कहा लोकसभा चुनाव के चलते 7 मई  के बाद चुनाव की बात कही गई थी। लेकिन अचानक 11 मई को पत्र जारी किया गया। जिससे चुनाव और आगे टालने की मंशा झलक रही है।

कमल सोनी ने कहा 1 साल से चुनाव प्रक्रिया को लगातार टाला जा रहा है। इस साल 7 जनवरी को हुए आमसभा मे भी पूर्व पदाधिकारियों ने चुनाव का मुद्दा हावी नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का चुनाव नहीं होने को लेकर व्यापारियों में काफी आक्रोश है। बहुत से काम लंबित है जिसकी वजह से व्यावसायिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हमेशा से ही प्रदेश संगठन में रायपुर के चुनिंदा सराफा व्यापारियों का दबदबा रहा है। बिलासपुर बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के सराफा व्यापारियों को प्रदेश संगठन के प्रमुख पद पर आने नहीं दिया जाता है। यह संगठन पूरे तरीके से राजधानी केंद्रित हो गया है। इसमें बदलाव की जरूरत है। चौतरफा इसकी मांग की जा रही है। पूर्व के पदाधिकारी लगातार चुनाव प्रक्रिया को बाधित कर रहे हैं। प्रेस कांफ्रेंस मे उपस्थित पदाधिकारियों ने भी पूर्व प्रदेश पदाधिकारियों पर संगठन के आड़ मे निजी लाभ का आरोप लगाया है। लामबंद हुए विभिन्न जिला संगठनों ने मन बनाया है कि अपने स्वार्थ के लिए छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का संचालन करने की मंशा पूरा नहीं होने देंगे। रजिस्ट्रार से निष्पक्ष चुनाव कराने आवदेन देने तैयारी कर ली गई है। बिलासपुर सराफा एसो. के सदस्यों ने कहा चुनाव अधिकारी तय करने के बाद षड्यंत्र पूर्वक इसे आगे खिसका दिया गया है। छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के वास्तविक सदस्यों की संख्या का मुद्दा भी उठा। बिलासपुर सराफा एसोसिएशन ने कार्यवाहक अध्यक्ष,सचिव,कोषाध्यक्ष से 7  बिंदुओं पर जानकारी तीन दिनों के भीतर मांगी है जिसमे चुनाव कराए जाने को लेकर किया जा रहे प्रयास,23.7.2023 को हुई मीटिंग से संबंधित दस्तावेज, नवीन सदस्यों की संशोधित मतदाता सूची, 7 जनवरी 2024 को वार्षिक आमसभा में लिए गए निर्णय से संबंधित दस्तावेज, 2019 से 2024 तक तैयार की गई ऑडिट रिपोर्ट और खर्चों का लेखा-जोखा, 2019 से 2024 तक धारा 27,28 के अंतर्गत जानकारी,दस्तावेज ऑडिटेड बैलेंस शीट,सर्राफा एसोसिएशन के सभी मूल दस्तावेज, रजिस्टर, लेखा-जोखा की मांग की गई है, ताकि दस्तावेजों से छेड़छाड़ की संभावनाएं समाप्त हो सके। तीन दिवस के अंदर इन सभी का जवाब नहीं मिलने पर बिलासपुर सर्राफा एसोसिएशन ने सभी पदाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!