रायपुर: रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजदूरों के साथ नया साल मनाया । सुबह सभी श्रमिकों को नए साल की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिक परिवारों के लिए कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान भी किया। श्रमिकों को कंबल भी बांटे और चाय की चुस्कियां लेते हुए मजदूरों के साथ बातचीत करते नजर आए।
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- हर साल चावड़ी में आकर मजदूरों के साथ नववर्ष की शुरुआत करता हूं । महात्मा गांधी को नमन करके इसकी हम शुरुआत करते हैं । बहुत सारी योजनाएं श्रमिकों के लिए है। उन योजनाओं का लाभ उठाते हुए अब श्रमिकों के बच्चे एयरफोर्स में जा रहे हैं। शिक्षक बन रहे हैं उनके जीवन में बदलाव आ रहा है। उनके सपने भी साकार हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए।
CM ने कहा हमने और भी योजनाओं की घोषणा शुरू की है, जिससे उनके जीवन में खुशहाली आ सके। मुख्यमंत्री बघेल ने नववर्ष पर पूरे प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि नया वर्ष 2023 सबके लिए मंगलमय हो।राजभवन में अटके आरक्षण विधेयक पर CM बघेल ने कहा- मुख्य रूप से बात यही है कि विधानसभा में पारित बिल विधानसभा की संपत्ति कहलाती है। विधानसभा से निकलकर राजभवन गया है। वह भी लटका हुआ है। सवाल हमसे पूछे जा रहे हैं। राज्यपाल बिल पर हस्ताक्षर करे या तो विधानसभा को लौटाएं ।
दो ही काम है, 2 दिसंबर की बात है अब 2 जनवरी आ जाएगा और सत्र शुरू हो रहा है । 1 महीने बीतने के बाद भी राज्यपाल की जी की हठधर्मिता है कि पूरे प्रदेश के छात्र छात्राओं का नौजवान युवक युवतियों का जो नौकरी करना चाह रहे हैं जो पढ़ाई करना चाह रहे हैं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।भाजपा के लोग मांग क्यों नहीं कर रहे हैं की राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर करें, क्योंकी एकात्म परिसर से पर्ची उन्हें भेजी जा रही है, इसलिए गड़बड़ हो रही है। भाजपा नेताओं के दो मुंह हैं। एक मुंह से विधानसभा में आवाज सुनाई देती है और दूसरा मुंह जो बाहर सुनाई देता है। मुख्यमंत्री कहना चाह रहे थे कि आरक्षण के मसले पर एक तरफ तो विधानसभा में भाजपा ने सर्वसम्मति दिखाई और अब विधेयक राजभवन के जरिए अटका कर दोहरे चरित्र दिखा रहे हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने चौथी व पांचवी कक्षाओं के बच्चों को सैनिक स्कूल, नवोदय एवं अन्य निजी संस्थाओं में में प्रवेश के लिए भी कोचिंग और प्रशिक्षण देने के लिए मुख्यमंत्री आधारभूत शिक्षा प्रशिक्षण सहायता योजना शुरू करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों एवं उनके बच्चों को नई सौगातें देते हुए छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण मंडल के पंजीकृत श्रमिकों हेतु संचालित मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता योजना की राशि को 10 से बढ़ाकर 20 हजार रूपए एक मुश्त देने की घोषणा की है। इसके साथ ही बघेल ने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए श्रमिकों के बच्चों को निशुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की है ताकि श्रमिकों के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी कर सकें।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित मेधावी छात्र छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना के नाम में परिवर्तन करते हुए मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेघावी शिक्षा योजना करने की घोषणा की। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री ने नवीन कोर्स जैसे इंजीनियरिंग, आईआईटी, बीटेक, ट्रिपल आईटी, एमटेक, एमबीबीएस इत्यादि की पढ़ाई सहित विदेशों में अध्ययन करने के लिए भी श्रमिकों के बच्चों को सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने इन सभी पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने के लिए श्रमिकों के बच्चों को प्रवेश शुल्क, शैक्षणिक शुल्क, आवास एवं भोजन शुल्क में सहायता प्रदान करने के साथ ही प्रतिवर्ष स्टेशनरी के लिए भी 2 हजार रूपए की सहायता देने की घोषणा की है।