रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार हाईटेक तरीकों पर काम कर रही है जिससे खेती किसानी के विकास के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं। आज दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम करसा गांव में हरेली तिहार के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कंप्लीट एग्रीकल्चर ड्रोन सॉल्यूशन की लांचिंग की।
एग्रीकल्चर ड्रोन के माध्यम से 4 एकड़ खेतों में आधे घंटे के भीतर दवा का छिड़काव हो सकेगा। मशीन के माध्यम से दवा की मात्रा भी निर्धारित की जा सकेगी। अमूमन एक किसान को इसके लिए 1 एकड़ हेतु 3 घंटे का वक्त लगता है। ग्रामीण क्षेत्रों में छिड़काव के लिए लेबर मिलने में भी परेशानी होती है। इसके माध्यम से किसानों की समय की बचत भी होगी और समूहों की आय भी बढ़ेगी। एग्रीकल्चर ड्रोन सॉल्यूशन के साथ ही एग्री एम्बुलेंस भी होगी जिसमें एग्रीकल्चर लैब की सुविधा भी होगी जिसमें किसान साइल टेस्टिंग आदि करा सकेंगे।
प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इसके माध्यम से खेती किसानी में काफी सुविधा हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि यह पीपीपी मॉडल पर काम करेगा। 20 गांव में एक मशीन के माध्यम से कार्य हो सकेगा। यह कार्य समूह करेगा। ड्रोन के संचालन के लिए समूह के युवाओं को ही प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस नवाचार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पूर्वजों से हमने जो खेती किसानी की तकनीक सीखी है और आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं इन दोनों तरीकों के माध्यम से हम खेती किसानी को नई ऊंचाई दे सकते हैं। उन्होंने खेती किसानी में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए ऐसे नवाचार निरंतर करते रहने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि एग्री एम्बुलेंस में खेती किसानी के लिए सम्पूर्ण सुविधा होगी। इसमें जैविक खाद की उपलब्धता भी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समूह के सदस्य इससे तकनीकी रूप से दक्ष हो सकेंगे। इससे उन्हें खेती किसानी के अतिरिक्त अन्य आजीविकामूलक गतिविधियों के लिए उन्हें पर्याप्त समय मिल सकेगा। उन्होंनेे प्रोजेक्ट से जुड़े कंचन श्रीवास्तव और हर्षित हुण्डित, विनय श्रीवास्तव से भी चर्चा की और कहा कि यह शानदार नवाचार है। देश में पहला है। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।