छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में रविवार सुबह हाथियों ने 8 साल की बच्ची को कुचलकर मार डाला। बच्ची अपने परिजनों के साथ महुआ बीनने के लिए जंगल में गई थी। सूचना मिलने पर मरवाही SDO संजय त्रिपाठी घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं। बताया जा रहा है कि दो दिन से वन विभाग मुनादी करा रहा था, लेकिन न तो वह ग्रामीणों को ही जंगल जाने से रोक सका और न ही हाथियों को भगा पा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, मरवाही रेंज से सटे कोरिया वन मंडल के बॉर्डर पर बसे रूमका के भटियारटोला निवासी 8 साल की बच्ची रानी धनुहार अपने परिजनों के साथ महुआ बीनने के लिए गई थी। परिजन जंगल में महुआ बीनने लगे, जबकि रानी कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे बैठी थी। तभी हाथियों ने उस पर हमला कर दिया और कुचल कर मार डाला। बताया जा रहा है कि देर रात तीन हाथियों के दल ने वहां प्रवेश किया है।

सभी हाथी मित्र दलों को भी प्रभावित क्षेत्र में बुलाया गया


सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। वहीं आसपास के हाथी मित्र दल को भी प्रभावित क्षेत्र में बुलाया गया है। साथ ही ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे हाथियों के पास न जाएं। हालांकि वन विभाग पिछले दो दिनों से हाथी के आसपास होने की बात को लेकर अलर्ट कर रहा था। वहीं पेंड्रा वन परिक्षेत्र अधिकारी सत्तू जायसवाल ने भी हाथियों की आने की संभावना करे लेकर हाथी मित्र दल और वन स्टाफ को अलर्ट कर दिया है।

तात्कालिक सहायता के रूप में दिए गए 25 हजार रुपए

DFO मरवाही दिनेश पटेल ने बताया कि मृत बच्ची के परिजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में 25000 रुपए की राशि प्रदान की गई है। शासन की ओर से ऐसे प्रकरणों में कुल 6 लाख की राशि देने का प्रावधान है। बाकी बकाया राशि प्रकरण तैयार करने के बाद प्रदान कर दी जाएगी। DFO पटेल ने लोगों से अपील की है कि हाथी प्रभावित क्षेत्रों और वनों में ना जाएं। हाथी मित्र की ओर से दी जा रही हिदायतों का पालन करें।

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