रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की बारहमासी केवई नदी को लिंक नहर के जरिए हंसिया नदी से जोड़कर हसदेव नदी में पानी लाने की कवायद जिला प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई है। केवई नदी में बने स्टाप डेम कम रपटा के समीप से 17.50 किलोमीटर लम्बी लिंक नहर निर्मित कर हंसिया नदी से जोड़ने के लिए सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस लिंक नहर के बन जाने से गर्मी के मौसम में मृतप्राय हो जाने वाली हंसिया नदी न सिर्फ जीवित हो उठेगी, बल्कि जलीय जीवों के संरक्षण से इको सिस्टम, भू-जल संवर्धन की स्थिति को बेहतर करने के साथ ही इससे पानी लिफ्टकर किसान सिंचाई भी कर सकेंगे।
हसदेव की सहायक नदी हंसिया नदी अपने उद्गम स्थल ग्राम घुटरा के पहाड़ियों से निकलने के बाद लगभग 30-31 किलोमीटर प्रवाहित होने के बाद अंतत मनेन्द्रगढ़ के पास हसदेव नदी में मिल जाती है। लिंक नहर के निर्माण के बाद केवई नदी में बारहों महीना प्रवाहित जल, हंसिया नदी से होते हुए हसदेव नदी में सहजता से लाया जा सकेगा, जिससे मनेन्द्रगढ़ नगर में हसदेव नदी से पेयजल की आपूर्ति में भी आसानी होगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात एवं जिला उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में पेयजल, सिंचाई और निस्तार की सुविधा के विस्तार के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने का भरोसा दिलाया था। मुख्यमंत्री ने सदानीरा केवई नदी के जल का बेहतर प्रबंधन के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में केवई नदी को लिंक नहर के माध्यम से हसिया नदी से जोड़कर उसके जरिए हसदेव नदी में पानी लाने की पहल शुरू की गई है। कलेक्टर पी.एस. ध्रुव ने जल संसाधन, राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ कल केवई नदी में बने स्टाप डेम कम रपटा स्थल से लेकर लगभग 4 किलोमीटर पैदल भ्रमणकर प्रस्तावित लिंक नहर के लिए मौका-मुआयना किया।
कलेक्टर पी.एस. ध्रुव ने बताया कि केवई नदी मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भतरपुर जिले की ग्राम बैरागी केे पास पहाड़ियों से निकलती है। यह नदी ग्राम शिवगढ़, ताराबहरा, डांडहंसवाही, बिछियाटोला में लगभग 36 किलोमीटर प्रवाहित होते हुए, अनुपपुर जिले के ग्राम छतई में मध्य प्रदेश में प्रवेश करती है। केवई नदी के पानी का लाभ जिले के किसानों व ग्रामवासियों को अधिक नहीं मिल पाता है। इसलिए इसको ग्राम ताराबहरा के समीप, पूर्व से निर्मित स्टाप डैम कम रपटा से लिंक नहर द्वारा हंसिया नदी के कैचमेंट एरिया के ग्राम रतौरा के रिवाइंस पर जोड़ा जाना है। उन्होंने बताया कि केवई नदी के 45 वर्ग किलो मीटर कैचमेंट एरिया का 15-20 क्यूसेक पानी एवं बारहमासी प्रवाह का 1-2 क्यूसेक पानी मध्यप्रदेश में चला जाता है। इस पानी का उपयोग जिले में सिंचाई और निस्तार के लिए हो सके, इसके लिए केवई नदी के पानी को डायवर्ट करने के लिए लिंक नहर का निर्माण किया जाएगा।
हसदेव की सहायक हंसिया नदी ग्राम घुटरा के फाटपानी के पास की पहाड़ियों से निकलती है। इस नदी पर ग्राम साल्ही में कर्मघोंघा वाटर फाल है। यह ग्राम पेंड्री, साल्ही, डोमनापारा, लालपुर होते हुए लगभग 30.60 किलोमीटर प्रवाह के बाद मनेन्द्रगढ़ में हसदेव नदी में मिल जाती है। केवई नदी का पानी हंसिया नदी में लाने के लिए ग्राम रतौरा के रिवाईन्स में डालने के लिए लगभग 17.50 किलो मीटर नहर निर्माण करने की आवश्यकता होगी। इस लिंक नहर के बनने से जिले के किसानों को लगभग 430 हेक्टेयर सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। हंसिया नदी में लगभग 30 किलोमीटर तक बारह महीने जल प्रवाह बना रहेगा।
कलेक्टर ने बताया कि मनेन्द्रगढ़, जिला मुख्यालय होने के कारण यहां की आबादी में तेजी से वृद्धि एवं पानी की आवश्यकता को देखते हुए हसदेव नदी में पर्याप्त जल उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा। वर्तमान में मनेन्द्रगढ़ नगर में पानी की आपूर्ति हसदेव नदी से होती है, परन्तु मार्च महीने के बाद हसदेव नदी में पानी की कमी होने लगती है। लिंक नहर के और हंसिया नदी के माध्यम से केवई नदी का पानी हंसदेव नदी में लाकर इस समस्या का निदान किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि केवई नदी से लिंक नहर का निर्माण करने से ग्राम मुसरा, बाँही, रतौरा के किसानों और ग्रामीणों को सिंचाई और निस्तार के लिए भी सहजता से जलापूर्ति हो सकेगी।