दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के एक गांव में वन कर्मियों की पिटाई करने वाले तीन ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि तीनों ग्रामीण शराब के नशे में थे। बेशकीमती लकड़ियों की अवैध तस्करी करने वालों पर कार्रवाई करने पहुंचे वन कर्मियों को अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर दौड़ा-दौड़ाकर मारा था। इधर, तीनों ग्रामीणों की गिरफ्तारी के बाद ग्रामीणों में भी आक्रोश है। पुलिस की इस कार्रवाई को गलत बताते हुए मामले का विरोध अब शुरू हो गया है। मामला किरंदुल थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, इस घटना के बाद वन कर्मियों ने टिकनपाल गांव के पोदिया तांती, जोगा तांती और भीमा तांती इन तीनों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज करवाई थी। जिसके बाद पुलिस गांव में पहुंचकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भी भेज दिया गया है। पुलिस की इस कार्रवाई का ग्रामीण जमकर विरोध कर रहे हैं। गांववालों का कहना है कि, वन कर्मी नकाब पहनकर गांव के हर घर में घुस रहे थे। महिलाओं को डरा धमका रहे थे। जो बिल्कुल गलत था। यदि लकड़ी के तस्करों पर कार्रवाई करनी थी तो उन्हीं के घर घुसते। यही वजह थी कि सारे ग्रामीण आक्रोश में आए। ग्रामीणों ने भी वन कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
किरंदुल थाना प्राभारी ने बताया कि, मामले की FIR के बाद तीनों आरोपियों को पकड़ने टीम बनाकर टिकनपाल गांव गए थे। जिन तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई थी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुछताछ में पता चला कि तीनों ने शराब पीकर घटना को अंजाम दिया था। इन तीनों के घर की भी तलाशी ली गई लेकिन किसी तरह की कोई बेशकीमती लकड़ी इनके घरों से बरामद नहीं हुई। गिरफ्तार आरोपी जोगा, पोदिया और भीमा को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
यह मामला 1 अगस्त का है। वन विभाग के कर्मचारियों को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दंतेवाड़ा जिले के टिकनपाल ग्राम पंचायत में बेशकीमती लकड़ियों का अवैध कारोबार चल रहा है। इसी सूचना पर 4 से 5 लोगों की टीम तस्करों को पकड़ने के लिए गई हुई थी। जब टीम गांव पहुंची तो तस्करों ने गांव वालों को इकट्ठा कर लिया। फिर करीब 30 से 40 ग्रामीणों ने मिलकर वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया था। दो से तीन वन कर्मी अपनी जान बचाकर भाग निकले थे, जबकि 2 कर्मी सिराज पटेल और उमेश नेगी को पकड़कर बेदम पीटा था। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।