रायपुर: छत्तीसगढ़ के गांवों में बनाए गए गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी, और मल्टीयुटीलिटी सेन्टर सहित अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं। इन सुविधाओं को और मजबूत बनाने के लिए उद्देश्य से पशुपालन विभाग के मैदानी अमले द्वारा एक फरवरी से विशेष अभियान चलाए जाएगा। अमले द्वारा गौठानों का भ्रमण किया जाएगा और वहां पशुओं और चारा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में इस आशय के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।

डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि सभी गांवों में पशुपालन विभाग के अधिकारी भ्रमण कर गौठानों में पशुओं के लिए डे-केयर की व्यवस्था, पशुओं के लिए चारे का प्रबंध सहित गौठानों के संचालन व्यवस्था का अवलोकन करेंगे। उन्होंने कहा कि मैदानी अमले द्वारा यह देखा जाए कि गौठानों में आने वाले पशुओं के लिए चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। किसानों को पैरादान करने के लिए प्रेरित करे साथ ही दान किये गये पैरा को गौठान प्रबंधन समिति के माध्यम से गौंठानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करे।

डॉ. कमलप्रीत ने अधिकारियों से कहा कि देशी गायों के नस्ल सुधार से ही पशुओं की उत्पादकता में सम्भव हैं, अतः पशु नश्ल सुधार कार्य में आशातीत प्रगति लाई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत कलस्टर में मिल्क रूट पर डेयरी इकाईयॉ स्वीकृत करें। डॉ. सिंह ने कहा कि पशु चिकित्सक विभाग के अधिकारियों से कहा विभाग के अंतर्गत योजनाओं के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य फरवरी तक पूर्ण करें। योजनाओं का क्रियान्यवयन कलस्टर बना कर करें एवं भविष्य में तिमाही लक्ष्य तय कर पूर्ण उपलब्धि सुनिश्चित की जावें।

बैठक में पशुओं में लम्पी डिसीज के संक्रमण की रोकथाम के लिए विभागीय अमला के कार्यों और गलधोटू, एकटंगिया, खुरा चपका रोकथाम हेतु सम्पादित टीकाकरण कार्य की भी सराहना की गई। इस अवसर पर पशुधन विकास विभाग की संचालक चंदन संजय त्रिपाठी, दुग्ध महासंध की महाप्रबंधक तुलिका प्रजापति, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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