![Picsart_22-09-30_07-39-03-208.jpg](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2022/09/Picsart_22-09-30_07-39-03-208.jpg?resize=440%2C292&ssl=1)
![](https://www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2024/06/picsart_24-06-28_16-32-10-7591370341123526656217.jpg)
रायपुर: राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधक और विनिमयन) विधेयक 2022 पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा 25 जुलाई 2022 को पारित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि राज्य में विशेष रूप से संकटग्रस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में, परिणात्मक एवं गुणात्मक दोनों रूप में, भूजल का प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु भू-जल की सुरक्षा, संरक्षा, नियंत्रण आदि विषयों के संबंध में ये विधेयक पारित किया गया है।
इस विधेयक में राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य भू-जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण गठन करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा इस प्राधिकरण में 16 सदस्य भी हांेगंे। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य में भू-जल प्रबंधन का दीर्घकालीक कार्य करने का अनुभव रखने वाले तीन विषय विशेषज्ञों एवं सार्वजनिक/ गैर सरकारी संगठन/ सामाजिक क्षेत्र के एक प्रख्यात व्यक्ति को भी सदस्य के रूप में नामित करने का प्रावधान किया गया है। गैर-अधिसूचित/अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक/वाणिज्यिक/खनन के लिए भू-जल निष्कर्षण हेतु अनुमति देने का कार्य यह प्राधिकरण करेगा।
जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में भू-जल प्रबंधन परिषद् गठन करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही कलेक्टर जिला भू-जल शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में भी कार्य करेगा। इसके अलावा विकासखण्ड स्तर पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अध्यक्षता में संबंधित विकासखण्ड में भू-जल उपयोगकर्ता पंजीकरण समिति गठन करने का भी प्रावधान किया गया है।
विधेयक के तहत् समुचित निकाय में रजिस्ट्रिीकरण के बिना भू-जल निकालना अपराध होगा। इस विधेयक में बनाए गए नियमों के उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।