रायपुर: महात्मा गांधी के बहाने भूपेश बघेल सरकार गांव-गांव तक पहुंचने की तैयारी कर रही है। गांधी जयंती दो अक्टूबर से प्रदेश के गांवों में ग्रामसभा का आयोजन करने जा रही है। इसमें वह गाय, गोमूत्र, गोबर और गांधीजी पर बात करेगी। सरकार ने ग्रामसभा में चर्चा के लिए 15 बिंदु निर्धारित किए हैं। इनमें से 11 पर सभी ग्रामसभाओं में और शेष चार पर अनुसूचित जनजातियों के क्षेत्र की ग्रामसभाओं में चर्चा की जाएगी। कलेक्टर, जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अन्य विषय-वस्तु को भी ग्रामसभा के एजेंडे में शामिल किया जा सकेगा।
सरकार अपनी योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए यह आयोजन करने जा रही है। वहीं, कांग्रेस इस दिन से प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा भी निकालेगी। इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के पास ग्रामीणों को कुछ बताने के लिए बचा ही नहीं है।अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार नियम के तहत ग्रामसभा अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। ग्रामसभाओं में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022, जिसका प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) में आठ अगस्त को हो चुका है, का वाचन प्रत्येक ग्रामसभा में किया जाएगा।हर गांव तक पहुंचने के लिए बन रही समय सारणी
प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय और उनके आश्रित ग्रामों में ग्रामसभा आयोजन के लिए एक समय-सारिणी तैयार की जा रही है। सरकार का तर्क है कि छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्रामसभा का प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक सम्मेलन आयोजित करने का प्रविधान है। प्रदेश में 23 जनवरी, 14 अप्रैल, 20 अगस्त और दो अक्टूबर के अतिरिक्त प्रतिवर्ष माह जून और नवंबर में सुविधाजनक तिथियों में प्रत्येक ग्राम में ग्रामसभा का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाता है।
पूर्व मंत्री और महामंत्री भाजपा केदार कश्यप ने कहा, अनुसूचित जनजाति और गांव के लिए इस सरकार ने कुछ भी नहीं किया है यह क्या लेकर गांव जाएंगे। कांग्रेस सरकार ने जिस तरह से जनजातियों के आरक्षण को कम किया है, उसकी जानकारी देने के लिए भाजपा गांव-गांव जाकर पंचायत लगाएगी।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, कांग्रेस की सरकार गांधी जी की सपनों कोे साकार कर रही है। किसानों को उनकी उपज की पूरी कीमत देना, गोठानों के माध्यम से गांवों को आत्मनिर्भर करना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना आदि से प्रदेश के गांवों की तस्वीर बदली है।