कोरबा। कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य अख्तर जावेद उस्मानी ने रजगामार भूमिगत खदान का बंकर गिरने से हुई मौत के मामले का जायजा लेने के साथ ही अस्पताल का निरीक्षण किया। चर्चा करते हुए जावेद ने रजगामार दुर्घटना को दुर्भाग्यजनक बताया। साथ ही कहा कि एसईसीएल के अस्पतालों की स्थिति अच्छी नही है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होने की वजह से कर्मियों व उनके स्वजनों को चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड (एसईसीएल) कोरबा क्षेत्र के रजगामार भूमिगत परियोजना में दो माह पहले बंकर गिरने की घटना हुई थी। इस दौरान पंप आपरेटर राधेश्याम की मौत हो गई थी। मामले की अभी विभागीय जांच चल रही है। कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड सदस्य व एचएमएस के वरिष्ठ नेता अख्तर जावेद उस्मानी बुधवार को रजगामार पहुंचे और संपूर्ण क्षेत्र का निरीक्षण करने के साथ ही अधिकारी- कर्मचारियों के साथ चर्चा कर घटनाक्रम की जानकारी ली। पत्रकारों से चर्चा करते हुए जावेद ने एसईसीएल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधन को अपने कर्मचारियों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है इससे हादसों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। पिछले दिनों रजगामार खदान में बंकर गिरने से राधेश्याम नामक एक कोलकर्मी की मौत हो गई थी। इस हादसे को लेकर उन्होंने खदान के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी जब मौके पर थे तब उन्होंने क्यों पंप आपरेटर को यह कार्य करने दिया। उन्होंने यह भी कहा,कि कोल माइंस एक्ट में कोल कर्मी का तीन साल में स्वास्थ्य परीक्षण होता है लेकिन प्रबंधन एक भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका।प्रवास के दौरान उन्होंने खदानों के साथ ही विभागीय अस्पताल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल की स्थिति काफी खराब है। डाक्टरों की कमी व सुविधाओं का भी काफी अभाव है। कोल कर्मियों के परिवारों के साफ पानी नहीं मिल पा रहा है और भी ऐसी कई समस्याएं है जिनके समाधान को लेकर प्रबंधन गंभीरता नहीं दिखा रहा। सेफ्टी बोर्ड के सदस्य ने कहा कि जिस तरह से हादसे में एसईसीएल कर्मी की हादसे में मौत हुई है उसकी जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।