![mission_indradhanush-sixteen_nine.jpg](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2022/02/mission_indradhanush-sixteen_nine.jpg?resize=696%2C392&ssl=1)
![](https://www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2024/06/picsart_24-06-28_16-32-10-7591370341123526656217.jpg)
रायपुर: छत्तीसगढ़ में मिशन इंद्रधनुष 4.0 की शुरूआत हो चुकी है। 7 फरवरी से शुरू हुए इंद्रधनुष मिशन 4.0 का उद्देश्य नियमित टीकाकरण में तेजी लाना है। फिलहाल इसकी शुरूआत राज्य के पांच जिलों से की गई है, जिसमें राज्य का बस्तर, धमतरी, दुर्ग, कांकेर एवं राजनांदगॉव जिला शामिल हैं। कोरोना वैक्सीनेशन की वजह से राज्य में जहां वयस्क आबादी लगभग सुरक्षित हो चुकी है, लेकिन बच्चे अभी भी खतरे में है। टीकाकरण से छूटें बच्चों को टीका लगाने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान चलाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तहत उक्त पांचों जिलों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं मितानिनों द्वारा गृह भ्रमण कर नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों का चिन्हांकन कर सूची बनाई गई है। अभियान के अंतर्गत जन्म से 2 वर्ष तक के 5 हजार 435 बच्चें एवं 2 हजार 604 गर्भवती माताओं को टीकाकृत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के जरिए नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ के मिशन संचालक सह संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि यह अभियान राज्य में 3 चरणों में संचालित किया जाएगा, जिसमें प्रथम चरण 7 फरवरी से 13 फरवरी द्वितीय चरण 07 मार्च से 13 मार्च एवं तृतीय चरण 4 अप्रैल से 10 अप्रेल तक संचालित किए जाएंगे। प्रत्येक चरण सात दिवस के होंगे। अभियान में गर्भवती माताओं को भी शामिल किया गया है, जो किन्ही कारणों से टीडी 1, टीडी 2 और बूस्टर टीडी के टीके नहीं लगवा पाई हैं। अभियान के तहत नियमित टीकाकरण से छूटे जन्म से 2 वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, पोलियो, डिप्थेरिया, टिटनेस, कुकुर खॉसी, हेपेटाइटिस-बी, हिमोफिलियस, इन्फ्लुएंजा-बी, रोटावायरस, निमोनिया, दिमागी बुखार, खसरा, रूबेला, एवं जैपजीन, इन्सेफेलाइटिस के टीके लगाए जा रहे हैं। राज्य में चिन्हित जिलों में प्रथम चरण में 2199 सत्र आयोजित किये जाएंगे, जिससे 5400 से अधिक 02 वर्ष तक के बच्चे एवं 2600 से अधिक गर्भवती माताएं टीकाकृत होंगी। सभी टीकाकरण सत्र जिलों के चिन्हाकित ग्रामों के आंगनबाड़़ी केन्द्रों में आयोजित किए जाऐंगे।