रायपुर: विधानसभा चुनाव में टिकट के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के कई स्तरों पर हुए मंथन के बाद तय किया गया कि पिछले चुनाव में हारे नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा। प्रदेश की 90 विधानसभा में से 40 सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। इसमें 50 वर्ष से कम उम्र, युवक कांग्रेस और महिला कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय उन नेताओं को मौका दिया जाएगा, जिनकी चुनाव जीतने की संभावना है।
कांग्रेस ने टिकट के लिए ब्लाक स्तर पर आवेदन लिया था। यहां से आए 2,790 आवेदनों की छंटनी के बाद 273 नाम पैनल में शामिल किए गए हैं। प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी अब इन नामों को केंद्रीय चुनाव समिति के पैमाने पर कसने का काम कर रही है।उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति ने हर सीट पर दावेदारों का पैनल तैयार करने के लिए एक फार्मेट भेजा है। उसके आधार पर सूची तैयार की जा रही है। तय फार्मेट में नाम नहीं जाने से दिक्कत यह होगी कि केंद्रीय चुनाव समिति सूची को लौटा सकती है। इस तरह की दिक्कत से बचने के लिए पूरी सावधानी बरती जा रही है।
प्रदेश में कांग्रेस के 71 विधायक हैं। टिकट तय करने वाली सभी कमेटियों ने माना कि जब प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में लहर थी, उस दौर में हारे नेताओं को मौका देना खतरे से खाली नहीं है। प्रदेश चुनाव समिति के एक पदाधिकारी ने बताया कि जिन सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है, वहां दो से तीन दावेदार काफी मजबूत स्थिति में हैं। कांग्रेस की संचार समिति के अध्यक्ष और राज्य सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने कहा कि 90 में से 40 सीटों पर नए चेहरे उतारे जाएंगे, इनमें 19 वो सीटें शामिल हैं, जहां कांग्रेस हारी और 21 वो सीटें है, जहां कांग्रेस के विधायक हैं।
प्रदेश में टिकट बंटवारे को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी ने हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर एक-एक दावेदारों से चर्चा की। इस चर्चा के बाद यह बात सामने आई कि जिलाध्यक्षों ने पैनल बनाने में भेदभाव किया है। कई जिलाध्यक्षों ने वर्तमान विधायकों के नाम के बदले खुद का नाम पैनल में पहले नंबर पर रख दिया। इसके साथ ही सरकार के सर्वे, संगठन के तीन स्तर के सर्वे और केंद्रीय टीम के सर्वे में जिन नेताओं का नाम दूर-दूर तक नहीं है, उनका भी नाम पैनल में शीर्ष पांच में शामिल कर दिया गया। इसके बाद ही स्क्रीनिंग कमेटी ने इसमें सुधार के लिए प्रदेश चुनाव समिति को कहा और अब हर संभाग की सूची तैयार हो रही है।
टिकट घोषणा में कांग्रेस जल्दबाजी दिखाने के मूड में नहीं है। बताया जा रहा है कि टिकट बंटने से पहले ही स्थानीय स्तर पर नाराजगी को दूर करने की कोशिश की जा रही है। हर दावेदार से प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य वन टू वन मिल रहे हैं और उनके नाराजगी के तापमान को टटोल रहे हैं। इसके साथ ही शीर्ष नेतृत्व ने एकजुटता दिखाने की कवायद भी शुरू कर दी है।
इन सीटों पर नहीं हैं कांग्रेस के विधायक
रायपुर दक्षिण, राजनांदगांव, कुरुद, बिल्हा, जांजगीर-चांपा, धमतरी, वैशाली नगर, कोटा, मुंगेली, लोरमी, बेलतरा, मस्तुरी, पामगढ़, जैजैपुर, अकलतरा, रामपुर, भाटापारा, बलौदाबाजार, बिंद्रानवागढ़।