रायपुर: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मुफ्त वितरण के लिए आये चावल को लेकर बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा हो गया। विपक्ष ने चावल का वितरण न कर घोटाला करने का आरोप लगाया। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इन आरोपों को गलत बताया तो भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में उतर गए। उसके बाद सभी 13 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से जुड़ा सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि मार्च 2020 से नवम्बर 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार ने नि:शुल्क वितरण के लिए कितना चावल बांटने की अनुमति मिली, कितना बांटा गया और कितना चावल बांटना शेष है। जवाब में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, मार्च 2020 से नवम्बर 2022 के बीच केंद्र सरकार से 27.10 लाख मीट्रिक टन चावल का आवंटन मिला था। इस दौरान 26.40 लाख मीट्रिक टन चावल का उठाव हो गया। अभी 70 हजार मीट्रिक टन बचा हुआ है।

धरमलाल कौशिक का कहना था, यह चावल नि:शुल्क वितरण के लिए आया था लेकिन सरकार ने उसका पैसा लिया है। जवाब में खाद्य मंत्री ने ऐसी किसी बात से इनकार किया। धरमलाल कौशिक ने कहा, उनके पास बिलासपुर और मुंगेली जिले में भुगतान की डिटेल है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पांच हजार करोड़ से अधिक बड़ा घोटाला है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने विधानसभा की समिति से मामले की जांच कराने की मांग की। इसके बाद खाद्य मंत्री अमरजीत भगत अंग्रेजी में डॉक्युमेंट पढ़ने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने सरल शब्दों में जवाब देने के लिए कहा। इस बीच विपक्ष के विधायक अपने आसन से उठकर नारेबाजी करने लगे। उनके साथ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से असंबद्ध विधायक प्रमोद शर्मा भी नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में आ गए। उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए रोक दिया गया।

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