नारायणपुर. छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में हुए दंगे के बाद अब यह मुद्दा छत्तीसगढ़ के अलावा पूरे बस्तर में गर्माता नजर आ रहा है. यही वजह है कि आज पूरे बस्तर को बंद करने का आह्वान छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने किया है. हालांकि यह बंद नारायणपुर और कोंडागांव में इसका असर दिखता नजर नहीं आ रहा है. छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष का कहना है कि नारायणपुर में हुई गिरफ्तारी की वजह से नारायणपुर इस बंद से प्रभावित है. हम उसका विरोध करते है. हालांकि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे शहर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है. प्रत्येक चर्च के साथ चौक चौराहों में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि कोई उत्पात वाला माहौल ना हो.

कांकेर में नारायणपुर की घटना को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच ने बंद बुलाया. कांकेर जिला बन्द करने का आव्हान किया. सुबह से संगठन के लोग बंद कराने निकले. मुख्यालय में बहुत सी दुकानें बंद है. जनजाति सुरक्षा मंच ने आदिवासी संगठनो से बंद में शामिल होने अपील भी की हैं, वही सर्व आदिवासी समाज ने बन्द से पीछे हट गए है. बता दे कि बंद के समर्थन में सर्व आदिवासी शामिल नही हैं. जगदलपुर में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के बंद को सफल बनाने भाजपा युवा मोर्च शहर में घूम कर दुकानें बंद करवा रहे हैं. भारी संख्या में पुलिस बल साथ में घूम रही हैं, कोई उत्पात ना हो इसे देखते हुए शहर के चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई हैं.

वहीं मंत्री अमरजीत भगत ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहां हैं कि भाजपा के पास कोई मुद्दा है नहीं, केवल कहीं भी शांति भंग करने से राजनीति करने की कोशिश की जा रही है. इस संदर्भ में मैं पहले भी कह चुका हूं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कह चुके हैं. इसमें हमारे पहले से ही नियम बने हुए हैं कि अगर कोई उस नियम का वायलेंस करेगा. उसका अगर उस नियम का उल्लंघन करेगा तो उनके खिलाफ कानून सम्मत विधि सम्मत कार्यवाही होगी. वही मंत्री ने ये भी कहा कि आरक्षण और धर्मांतरण का मुद्दा आने वाले दिनों में हावी होने को लेकर कहा भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है. अपने ही घर फूंक कर तमाशा देखने में इन्हें ज्यादा मजा आता है.

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