रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन था। फिलहाल कल तक के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है। बता दें शून्यकाल में विपक्षी विधायकों ने मतांतरण का मुद्दा उठाया। भाजपा के 12 और जनता कांग्रेस के प्रमोद शर्मा गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। उसके बाद सभापति धनेंद्र साहू ने 13 विधयकों के निलंबन की घोषणा की। बता दें विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी जमकर आरोप-प्रत्यारोप और सवाल-जवाब किए गए। वहीं स्पीकर डाक्टर चरणदास महंत ने सत्तापक्ष के मंत्री को निर्देश दिया कि पिछली सरकार के पांच साल में प्रशिक्षण के नाम पर हुए खर्च और इस सरकार में अब तक हुए खर्च की जांच कराई जाये।
भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने 36 वें राष्ट्रीय खेल आयोजन के लिए चयनित खिलाड़ियों और अधिकारियों की जानकारी मांगी। खिलाड़ियों को किन- किन खेलों में कहां और कितना प्रशिक्षण दिया गया, उक्त खेलों में छ्त्तीसगढ़ की क्या उपलब्धि रही जैसे सवाल किए। जिसके जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने बताया कि 36 वें राष्ट्रीय खेल में छत्तीसगढ़ का 22 वां स्थान रहा, 136 खिलाड़ी 40 अधिकारियों का दल गया था , उन्हें किसी प्रकार की कोई पारिश्रमिक नहीं दिया गया केवल यात्रा किराया और भत्ता दिया गया। वहीं पलटवार करते हुए अजय चंद्राकर ने कहा कि खेल आयोजन के लिए 35 लाख स्वीकृत हुआ लेकिन 1 लाख 88 हजार खर्च हुआ तो बाकी पैसा कहां गया? खिलाड़ियों पर प्रशिक्षकों को भुगतान क्यों नहीं किया गया ? इसके जवाब में मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि ओलंपिक संघ प्रपोजल मंगाया गया है भुगतान किया जाएगा। वहीं बृजमोहन ने कहा कि ओलंपिक संघ ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसकी जांच कराई जानी चाहिए। बहुत से खिलाड़ियों को अब तक पैसा नहीं मिला है। मंत्री ने सभी को पैसा दिए जाने का आश्वासन दिया है।
अवैध शराब को लेकर सवाल पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा को घेरते हुए कहा कि रायपुर से एक सिपाही जाकर राजनांदगांव में कार्रवाई क्यों करता है ? अवैध शराब के नाम पर एक मोटरसाइकिल में 3 सवाल और 10 पेटी शराब लाने के नाम पर कार्यवाही हुई थी। छन्नी साहू ने जानबूझ कर फंसाने का आरोप लगाया। मोटरसाइकिल में शराब परिवहन के नाम पर नाबालिगों पर कार्यवाही हुई है। मंत्री कवासी लखमा ने जवाब देते हुए कहा कि मोटरसाइकिल में 3 पेटी से ज्यादा शराब नहीं ले जा सकता। अगर रायपुर से जाकर बाहर किसी अधिकारी ने कार्रवाई की है तो उसे दिखा लिया जाएगा। वहीं इस मामले में बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक से दुश्मनी निकालने के लिए रायपुर से जाकर कार्यवाही की जा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आठवीं में पढ़ने वाले बच्चे पर शराब परिवहन का मामला बना फंसाया जा रहा है। जिसके बाद मंत्री कवासी लखमा ने जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। वहीं जांच के बाद कार्रवाई की बात पर सदन में विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया। इस पर बृहस्पति सिंह ने कहा आखिर जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन तो मंत्री ने दे दिया। इसके जवाब में बृजमोहन अग्रवाल ने तंज कसते हुए कहा कि तुम्हारे बेटे को जब पकड़कर ले जाएंगे तब पता चलेगा।
बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने मामले को उठाते हुए कहा कि लाइवलीहुड कालेज को 18 करोड़ का भुगतान किया गया। ये राशि की बंदरबांट है। एक व्यक्ति की ट्रेनिंग के लिए दस हजार रुपए खर्च किए गये। 17 हज़ार 874 लोगों की ट्रेनिंग एक लाइवलीहुड कालेज से दी गई। मधुमक्खी पालन, मछलीपालन, जूट उत्पादन, ग्राम सभा विकास प्रशिक्षण जैसी ट्रेनिंग दिलाई गई, लेकिन क्या ट्रेनिंग के बाद उनका रोज़गार शुरू हुआ। उनका उत्पाद कहां खरीदा गया। इसके जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि इसकी जानकारी अलग से दी जायेगी।
सौरभ सिंह ने कहा कि डीएमएफ़ की राशि निकालकर रोज़गार सृजन के नाम से पैसा दिया गया। कलेक्टर पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं। सरकार पटवारियों के पीछे पड़ी है जबकि कलेक्टरों के पीछे पड़ना चाहिये। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि प्रशिक्षण में किसी तरह की अनियमितता की जानकारी है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सिर्फ़ मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण के लिए 52 लाख रुपये खर्च कर दिये गये। 29-30 जून को ही 30 करोड़ रुपये के काम जारी कर दिये गये। ये गंभीर मामला है। सदन की कमेटी से जांच करा दी जाये।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि एक ज़िले में 30 करोड़ रुपये तक का काम डीएमएफ के जरिए कलेक्टर कर रहे हैं। पचास फ़ीसदी तक कमीशन डीएमएफ में लिए जा रहे हैं। पूरे प्रदेश भर में इसकी ठीक से जांच करा दी जाये तो ये करीब एक हजार करोड़ का बड़ा घोटाला निकलेगा। इसकी जांच सदन की कमेटी से कराई जानी चाहिए।उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि पिछली सरकार में मुख्यमंत्री कौशल विकास और प्रधानमंत्री कौशल विकास में सिर्फ भ्रष्टाचार किया गया। प्रशिक्षण केंद्र एक कमरे में चलता था। इसपर अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार में आप बैठे हैं, जांच क्यों नहीं कराई। दोनों मामलों की जांच करा लें।