रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 1 नवम्बर 2022 से शुरू हुई धान खरीदी का महाभियान निरंतर जारी है। प्रदेश में धान खरीदी का आंकड़ा अब तक के रिकार्ड तोड़ते हुए आज की तिथि में 105 लाख मीट्रिक टन से पार हो गया है। धान खरीदी का यह अभियान अभी 31 जनवरी 2023 तक जारी रहेगा। राज्य के 23.12 लाख किसानों ने धान विक्रय किया है। धान के एवज में किसानों को 21,587 करोड़ रूपए का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव जारी है। अब तक कुल धान खरीदी 105 लाख मीट्रिक टन में से 91 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 83 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 23 जनवरी को 16 हजार से अधिक किसानों से 63 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की गई है। ऑनलाइन प्राप्त टोकन के जरिए किसानों से 4 हजार टन धान की भी खरीदी हुई है।
गौरतलब है कि इस साल राज्य में 25.96 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.30 लाख नये किसान शामिल हैं। किसानों को धान विक्रय में सहूलियत हो इस लिहाज से इस वर्ष राज्य में 135 नए उपार्जन केन्द्र शुरू किए गए, जिससे राज्य में धान खरीदी के लिए 2617 उपार्जन केन्द्र हो गया हैं। सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। इसी तरह राज्य में धान खरीदी की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए चेक पोस्ट पर माल वाहकों की चेकिंग की जा रही है। राज्य सरकार इस वर्ष प्रदेश के पंजीकृत किसानों से लगभग 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। धान खरीदी केन्द्रों में किसानों की चहल-पहल और धान की आवक से अनुमानित आंकड़े पार हो जाएंगे।