कांकेर: विकासखंड भानुप्रतापपुर के ग्राम डोंगरकट्टा में सात बच्चों ने रतनजोत का बीच खा लिया और उनकी तबियत बिगड़ गई। स्वजनोें को घटना की जानकारी मिलते ही बच्चों को भानबेड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार कर भानुप्रतापपुर अस्पताल रेफर किया गया और बच्चों का उपचार लगातार जारी है।

मिली जानकारी अनुसार डोंगरकट्टा के वार्ड क्रमांक 6 आवासपारा टिकलेश्वर, चितरक्षी, खामेश्वर, कानेश्वरी, रानी, रियांशु व सोनाक्षी घर से खेलने के लिए निकले थे, जो रतनजोत पौधे के पास जाकर उसका बीज खा लिए। बच्चों द्वारा बीज को खाने के कुछ समय बाद अचानक उन्हे उल्टी होने लगा और स्वजनोें को इसकी जानकारी मिली। स्वजनोें ने रतनजोत खाने की जानकारी मिलने के बाद दोपहर लगभग तीन बजे सभी बच्चों को उप स्वास्थ्य केंद्र भानबेड़ा में भर्ती कराया, जहां चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार कर सभी उचित उपचार के लिए भानुप्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया।भानुप्रतापपुर में सभी बच्चियों का उपचार जारी है और सभी खतरे से बाहर बताएं जा रहे है। चिकित्सों का कहना है कि स्वजनोें ने बच्चों का समय पर उपचार करवाकर उन्हे सुरक्षित बचा लिया है, जिन्हे एक दिन के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। यदि जानकारी के अभाव में समय पर अस्पताल न लाया जाता तो उनकी हालत और भी गम्भीर हो सकती थी।


घटना की जानकारी मिलते ही भानुप्रतापपुर की विधायक सावित्री मनोज मंडावी ने स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर बीमार बच्चों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्वजनोें से घटना की जानकारी ली और चिकित्सकों से मिलकर उनको बीमार बच्चों के उचित ईलाज एवं सतत निगरानी के दिए निर्देश दिए। उनके साथ नगर पंचायत अध्यक्ष सुनील बबला पाढ़ी व अन्य कांग्रेसी भी मौजूद थे।

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