रायपुर: प्रदेश में एक नवम्बर से धान खरीदी का महाभियान शुरू हो गया है। धान खरीदी के तीसरे दिन शाम साढ़े पांच बजे तक आज प्रदेश के विभिन्न जिलो में किसानों से समर्थन मूल्य में 16 हजार 738 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 281.85 करोड़ रुपये जारी किया गया है। अब कुल 45,650 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि धान बेचने वाले किसानों को 6504 टोकन जारी किए गए थे तथा टोकन तुंहर हाथ एप्प द्वारा 505 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस धान खरीदी के लिए 8670 तथा टोकन तुंहर हाथ के जरिये 782 टोकन जारी किए गए है। किसानों को धान विक्रय में कोई परेशानी न हो इसके लिए सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण कर ली गई है। कंही कोई शिकायत नहीं मिली है।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश में खेती-किसानी में नये उत्साह का संचार हुआ है। खेतों से दूर हो रहे किसान खेतों की ओर लौटे हैं और खेती का रकबा भी बढ़ा है। धान का रकबा बढ़कर 31.17 लाख हेक्टेयर हो गया है।
इस वर्ष लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.93 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.03 लाख नये किसान है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है।
खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के लिए एक नवम्बर 2022 से धान, खरीदी शुरू हो गई है। किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी के लिए राज्य शासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां एवं व्यवस्थाएं कर ली गई है। किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत न आए, इसको लेकर सभी केन्द्रों में बेहतर प्रबंध किए जाने के साथ ही व्यवस्था पर मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।
खाद्य सचिव श्री वर्मा ने बताया कि गत वर्ष के पंजीकृत 24.05 लाख किसानों ने पंजीयन कराया था। पंजीकृत किसानों के डाटा को कैरी फॉरवर्ड तथा इस साल 2.03 लाख नये किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। इस प्रकार पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़कर 25.93 लाख हो गई है। पंजीकृत किसानों के धान का रकबा बढ़कर 31.17लाख हेक्टेयर हो गया है। समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की अधिकतम सीमा पिछले वर्ष के अनुसार 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है। धान खरीदी हेतु बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है। धान खरीदी के लिए सभी समितियों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स का पंजीयन किया जा रहा है। राज्य में अवैध धान की आवक रोकने तथा संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं सीमावर्ती सोसायटियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान का अवैध परिवहन न हो, इसकी रोकथाम के लिए चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं, जहां अधिकारियों की टीम माल वाहकों पर कड़ी निगरानी रख रही है।